होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश होशियारपुर जी के निर्देशानुसार तथा डॉ. हरबंस कौर डिप्टी मेडीकल कमिश्नर होशियारपुर जी के मार्गदर्शन में जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र होशियारपुर के काउंसलर चंदन व रजनी देवी सहित जि़ला बाल सुरक्षा अफसर होशियारपुर हरप्रीत कौर के साथ बाल सुरक्षा अधिकारी योगेश कुमार और डीईओ अंजलि द्वारा दशहरा मैदान के समीप झुग्गी झोपडी इलाके में नशे की समस्या को देखते हुए टीम द्वारा नशे के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया। जिसमें काउंसलर चंदन ने जानकारी देते हुए कहा कि नशा एक मानसिक बीमारी है और नशा के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी. सरकारी सिहत संस्थानों में नि:शुल्क इलाज होता है, उन्होंने कहा कि नशामुक्ति केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर में मनोचिकित्सक डॉ. राज कुमार, सिविल अस्पताल दसुहा में मनोचिकित्सक डॉ सतबीर सिंह तथा डॉ हरजीत सिंह नशीली दवाओं की लत के रोगियों का इलाज करते हैं, उन्होंने कहा कि नशा एक लम्बा समय चलने वाली बीमारी है जो बार-बार हो जाती है।
अस्पताल दसुहा और होशियारपुर जहां रोगी को 15-21 दिनों के लिए डिटॉक्सिफाई किया जाता है, उसके बाद कि मरीज को मोहला फतेहगढ़ होशियारपुर के सरकारी पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां डॉ. देविंदर पाल सिंह चिकित्सा अधिकारी देखभाल जहां रोगी को 90 दिनों तक रखा जाता है, इन रोगियों के दौरान व्यक्तिगत परामर्श, समूह परामर्श, आध्यात्मिक परामर्श, पारिवारिक परामर्श, ध्यान, व्यायाम, योग, खेल, वॉलीबॉल खेल, बैडमिंटन आदि खुली हवा, पेस्को सुरक्षा, इसके अलावा काउंसलर रजनी देवी ने बताया कि पंजाब सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से ओएटी क्लीनिक खोले गए हैं, जिसमें जुबान के नीचे बुप्रोनोर्फिन+निलोक्सन का मुफ्त इलाज किया जाता है।
यह दवा का कोर्स 1 साल का होता है परन्तु इसमें मरीज़ को दाखिल होने की ज़रूरत नहीं होती अफीम जैसा असर रखने वाले नशे का इलाज़ करने के लिए ये दवा बेहद कारगर है। इस मौके पर लोगो में जानकारी से युक्त बुकलेट्स भी वितरित की गई और नशे से लिप्त परिवारों की समस्याएं सुन उन्हें सुविधाओं की ओर रेफर भी किया गया।