होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। फार्मासूटिकल मार्कटेटर्स के प्रधान रमन कपूर ने बताया कि चिकित्सा में सहायक सभी उपकरणों को दुकान पर बेचने पर अब पाबंदी हो गई है। क्योंकि अब ड्रग कॉस्मैटिक एंड मेडिकल डिवाइस एक्ट में शामिल किया गया है। एक्त के तहत दाम तय किया जाना बाकि रह गया है। जिसके बाद बगैर लाइसेंस उपकरणों को बेचने वालों के खिलाफ ड्रग विभाग कारवाई करेगा। सारे भारत में लम्बे समय से दिल्ली, मुम्बई, कलकता समेत कई बड़े शहरों से चिकित्सा में सहायक उपकरणों की सप्लाई होती रही है। इसमें अभी तक बिना किसी रोकटोक के ही दुकानों पर रख कर बेचा जाता रहा है। कोरोना काल में नेबुलाइजर, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, जीभ डिप्रेसर, ग्लवस, मास्क, बेडपेन आदि कि मांग बहुत बढ़ गई थी। आई.डी.सी. बोर्ड ने अब इन उपकरणों को ड्रग कॉस्मेटिक एंड मेडिकल डिवाइस एक्ट में शामिल का लिया है। इसके बाद कोई व्यक्ति निर्घारित मानकों पर ही इसे बेच पायेगा। एक्ट में शामिल किए जाने के बाद विभाग इनके दाम तय करने जा रहा है। प्रदेशों के सभी जिला ड्रग कंट्रोलर अधिकारियों और अन्य सीनियर अधिकारियों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। जिससे बेहतर क्वालिटी के उपकरण की लागत का आंकलन कर रेट निश्चित किया जा सके।
मेडिल डिवाइस एक्ट में शामिल किए जाने से इसका सीधा लाभ मरीजों तथा उनके तीमारदारों को मिलेगा, उन्हे उचित दामों पर बेहतर क्वालिटी के उपकरण मिल सकेंगे। मशीने बेचने से पहले अब परमिशन लेनी होगी , ई.सी.जी. करने वाली मशीन से लेकर, ब्लड गैस एनालाईज़र तक किसी को भी बेचने के लिए कम्पनी को पहले परमिशन लेनी होगी, जिससे कम्पनी का लाइसेंस और गुणवत्ता को पर्खा जा सके। इसमें मशीन में बदले जाने वाले पार्टस भी शामिल रहेंगे। लाइसेंस लेने के लिए बिक्रेता के पास फार्मासिस्ट का डिपलोमा और स्थाई निवासी होना आवश्यक है, ड्रग विभाग की तरफ से दवा बेचने का लाइसेंस होना भी जरुरी है, सभी उपकरणों का रिकार्ड रखना जरुरी है, बिक्रेता पर कोई भी आपराधिक केस दर्ज नहीं होना चाहिए, विभाग को देनी होगी उपकरणों की लिस्ट, प्रतिमाह बिक्री के ब्योरा की रहेगी पाबंदी, बगैर लाइसेंस उपकरण बेचने वालों पर होगी सख्त कारवाई ।