भाजपा नेता उमेश शारदा का प्रयास रंग लाया, सीएम मान ने मेडीकल कालज के स्थान का किया निरक्षण

कपूरथला(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। भाजपा नेता उमेश शारदा का कपूरथला में मेडिकल कालेज बनाने सबंधी किए जा रहे प्रयास को सफलता रविवार को उस समय मिली जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कपूरथला पहुंच कर मेडिकल कालेज के निर्माण सबंधी स्थान का निरीक्षण किया और बताया कि मेडिकल कालेज के नक़्शे तैयार हो चुके है तथा जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जबकि पंजाब की आप सरकार कपूरथला में बनने वाले मेडिकल कालेज का सेहरा ले रही है,लेकिन विडंबना यह है की उक्त मेडिकल कालेज कपूरथला लाने प्रयास आज से तीन साल पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता उमेश शारदा ने किया था और शारदा ने मोदी सरकार से इस की मंजूरी दिलाने के साथ साथ ग्रांट की पहली क़िस्त 33 करोड़ जारी करवा दी थी,लेकिन कांग्रेस सरकार के समय मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया था।लेकिन उमेश शारदा ने हिम्त नहीं हारी और केंदर सरकार से पंजाब सरकार पर दवाब डाला की मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य जल्द शुरू करवाया जाए।इससे यह बात साबित होती है की बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना।उल्लेखनीय है की श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कपूरथला में मेडिकल कालेज स्थापित करने की घोषणा गई की थी लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से अभी तक इस कालेज का नींव पत्थर भी नही रखा जा सका था।

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हेरिटेज सिटी कपूरथला की चिर लंबित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मांग मेडिकल कालेज रूप में 2019 को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व पर की गई थी, लेकिन हकीकत यह है कि 3 साल तक मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर तक पंजाब सरकार ने  नहीं रखा था । जबकी इसके लिए केंद्र सरकार ने 33.63 करोड़ ग्राट भी जारी कर दी थी। मेडिकल कॉलेज का काम शुरू ना होने के चलते पंजाब भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य उमेश शारदा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जबाब दिया था की जलद इस मामले की पंजाब सरकार से रिर्पोट ली जाएगी । पता चला है कि सर्कुलर रोड स्थित 90 कनाल जमीन,जोकि रणधीर सिविल अस्पताल को किसी दानी ने दान की थी पर  बनने वाला मेडिकल कॉलेज किसी अन्य जगह पर बनाने की योजना पंजाब सरकार के एक नेता द्वारा की जा रही थी,जिससे केंद्र सरकार द्वारा आई 33.63 करोड़ ग्राट को कथित तौर पर खुर्द बुर्द किया जा सके । मेडिकल कॉलेज पर 325 करोड़ रुपए खर्च होने है। दावा था की कॉलेज दोआबा क्षेत्र में पहला मेडिकल कॉलेज होगा। कॉलेज की तैयारी पर 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होगी, जिनका 195 करोड़ बनता है।

यह केंद्र सरकार खर्च करेगी। जबकि 40 प्रतिशत हिस्सा पंजाब सरकार का है। जो 130 करोड़ रुपए होगी। यह कॉलेज 2020 में एक साल के बीच तैयार होने की उम्मीद थी। 3 साल हो गए है पंजाब सरकार ने मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर तक नहीं रखा था । पंजाब भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य उमेश शारदा ने कहा कि  कपूरथला के रहने वाले लोगों की काफी लंबे समय से माग थी कि उनके सिटी में सरकारी मेडिकल कालेजों की स्थापना की जाए। उन्होंने केंद्र सरकार के स्तर पर हर संभव प्रयास शुरू किए गए, जिसके चलते केंद्र की मोदी सरकार ने कपूरथला में मेडिकल कॉलेज बनाने की एलान किया था। लेकिन 3 साल का समय हो गया है मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर तक नहीं पंजाब सरकार ने नही रखा है। इस बारे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जबाब दिया था की जलद इस मामले की पंजाब सरकार से रिर्पोट ली जाएगी । जबकी इसके लिए केंद्र सरकार ने 33.63 करोड़ ग्राट भी जारी कर दी ।  उमेश शारदा ने कहा की यह मेडिकल कालेज उसी स्थान पर बनने के लिए चिन्हित हुआ था, जिसका प्रोपोजल नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन रहते हुए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए प्रोपोजल तैयार किया था।

सियासत से इतर बात करें तो केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ब पंजाब भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य शारदा की मेहनत ने कपूरथला को  मेडिकल दिलाया था। जिसकी पटकथा लिखने में उन्होंने दौड़-धूप के बाद प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीसी कपूरथला की मार्फत पंजाब सरकार को भेजी थी। लेकिन सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्रोजेक्ट फाइलों के ढेर में दब गया था, जिसे उमेश दत्त शारदा के लगातार प्रयास से केंद्र ने इसे मंजूर  दी थी। उमेश दत्ता शारदा ने कहा कि जब नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन के तौर पर कार्यभार संभाला था,तो बायलॉज पढऩे पर पता लगा कि किसी भी विभाग की सरकारी जमीन को ट्रस्ट अनुमति लेकर जनता की सुविधा के लिए कुछ भी बनवा सकती है। इस पर उन्होंने सर्कुलर रोड स्थित 90 कनाल जमीन, जोकि रणधीर सिविल अस्पताल को किसी दानी ने दान की थी, के बारे में पता करवाकर मंजूरी लेने का सिलसिला शुरू किया तो खुद सिविल अस्पताल प्रबंधन को नहीं मालूम था कि इस जमीन की मालकियत उनके नाम है। 15 सितंबर 2016 को इस बारे में काम शुरू किया, 4 अक्टूबर, 18 अक्टूबर, 04 नवंबर, 10 नवंबर, 28 नवंबर, 06 दिंसबर, 20 दिसंबर 2016 तक कई पड़ावों में डीसी से लेकर चंडीगढ़ पंजाब सरकार के संबंधित कार्यालयों के चक्कर लगाने के बाद जगह अस्पताल के लिए मंजूर करवाई थी। लेकिन फिर 04 जनवरी 2017 को कोड ऑफ कंडक्ट के बाद मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया था और सत्ता परिवर्तन के बाद मार्च 2017 में उनकी चेयरमैन का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन प्रोजेक्ट उनके दिमाग को कौंधता रहा और मेडिकल कालेज कपूरथला केंद्र सरकार से पास कावाया । बेशक, यह केंद्र व पंजाब सरकार की मैचिंग मनी से बनना है। पर 3 साल से पंजाब सरकार ने मेडिकल कॉलेज का नींव पत्थर तक नहीं रखा था।

शारदा ने कहा कि बतौर चेयरमैन रहते हुए कपूरथला के लिए सोचे दो प्रोजेक्ट अस्पताल और मल्टी पार्किंग प्रोजेक्ट थे । उन्होंने कहा कि उन्हें क्रेडिट लेने की मंशा नहीं थी, बस श्रेय जिसे मर्जी मिले, लेकिन इस मंजूरी को जल्द से जल्द हकीकत में उतारकर कपूरथला की चिर लंबित मांग को पंजाब सरकार पूरा करने में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उमेश शारदा ने कहा कि  राज्य सरकार ने नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 11 एकड़ जमीन के क्षेत्रफल की पहले ही शिनाख्त की हुई थी जो स्थानीय सिविल अस्पताल से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। है लेकिन पंजाब सरकार अभी तक मेडिकल कालेज का नींव पत्थर भी नही रख सकी थी।इस मेडीकल कालेज में एमबीबीएस की डिग्री व डिप्लोमा के अलावा 500 बेड का अस्पताल भी होगा।

मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधियों के विभिन्न विषयों के अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था रहेगी। विद्यार्थी यहां स्नातक, स्नातकोत्तर तथा शोध की परीक्षाएं उत्तीर्ण करके इन विषयों को व्यवसायिक रूप से अपनाने के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे।मेडिकल कालेज के लिए तत्कालीन डीसी डीपीएस खरबंदा की तरफ से सिविल अस्पताल की 11.7 एकड़ जमीन के बारे में प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजी गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से इस जमीन पर मेडिकल कालेज बनाने की घोषणा की गई थी।

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