पंजाब को खेल के क्षेत्र में फिर से अग्रणी बनाने के लिए किए गए निरंतर प्रयास: खेल मंत्री

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। खेल के क्षेत्र में पंजाब की खोई हुई शान बहाल करने और फिर से राज्य को खेल के क्षेत्र में देश का अग्रणी  राज्य बनाना यही भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। सरकार के पहले बजट ने ही इस पर मोहर लगा दी, जब साल 2022-23 के लिए पिछले साल के मुकाबले खेल के बजट में 38.14 प्रतिशत वृद्धि की गई। कुल 229 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया। साल भर खेल के क्षेत्र में सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जाते रहे। खेल मंत्री मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने साल भर की गतिविधियों के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर विभाग द्वारा ब्लॉक से राज्य स्तर पर ‘खेडाँ वतन पंजाब दियााँ-2022’ करवाई गईं। पंजाब में पहली बार करवाई गईं इस तरह की खेलों में खिलाडिय़ों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाई गई। 3 लाख के करीब खिलाडिय़ों ने 29 खेलों में हिस्सा लिया, जबकि पहले करवाई जाने वाली खेलों में खिलाडिय़ों की संख्या 20 हज़ार तक नहीं पहुँचती थी। मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस वाले दिन 29 अगस्त को जालंधर में ख़ुद वॉलीबॉल खेल का उद्घाटन किया। ढाई महीने इस खेल महाकुंभ में विजेता रहे 9961 खिलाडिय़ों को 6.85 करोड़ रुपए की ईनामी राशि बाँटी गई।  

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इस साल बरमिंघम में हुई राष्ट्रमंडल खेलों में पंजाब के 19 खिलाडिय़ों ने हॉकी, क्रिकेट, वेटलिफ्टिंग में तीन रजत और चार काँस्य पदक जीते। इसके अलावा चार खिलाडिय़ों ने जूडो, साईकलिंग और एथलैटिक्स में हिस्सा लिया। 23 पंजाबी खिलाडिय़ों को मुख्यमंत्री ने कुल 9.30 करोड़ रुपए की ईनामी राशि से सम्मानित किया। पहली बार हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों को नकद ईनामी राशि दी गई।  

पंजाब के उभरते हुए खिलाडिय़ों की हौसला अफज़़ायी के लिए हॉकी ओलम्पियन बलबीर सिंह सीनियर के नाम अधीन वज़ीफ़ा स्कीम की शुरुआत की गई। इस स्कीम के अंतर्गत 12.50 करोड़ रुपए का बजट उपबंध किया गया है, जिसके अंतर्गत सीनियर नेशनल मुकाबलों में कोई भी पदक विजेता खिलाड़ी को 8000 रुपए प्रति माह और जूनियर नेशनल में विजेता खिलाड़ी को 6000 रुपए प्रति माह वज़ीफ़ा एक साल के लिए दिया जायेगा।  

पंजाब में खेल का स्तर ऊँचा उठाने, खिलाडिय़ों को सम्मान, नौकरी देने और लम्बे समय की योजनाएँ बनाने के लिए कारगर खेल नीति बनाने के लिए खेल माहिरों की समिति बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर नीति लागू होगी। इस सैशन के दौरान 4750 खिलाड़ी स्पोटर््स विंग स्कूलों में और 1000 खिलाड़ी स्पोटर््स विंग कॉलेजों में दाखि़ल किए गए। प्रशिक्षकों की नयी भर्ती के लिए योजना बनायी गई। रोइंग खिलाडिय़ों को किश्तियाँ और शूटिंग रेंजों के लिए बजट घोषित किए गए।  

मुख्यमंत्री के फ़ैसले के अंतर्गत युवा सेवाएं विभाग द्वारा इस साल नौजवानों को शहीद-ए-आज़म स. भगत सिंह राज्य युवा पुरस्कार देने का ऐलान किया गया। हरेक जि़ले के दो नौजवानों को पुरस्कार के लिए चुना जायेगा, जिनको 51,000 रुपए की राशि, मैडल, सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जायेगा। जैसे कई सालों से रुके इस पुरस्कार को फिर से शुरू करने का फ़ैसला किया, वहीं कई वर्षों से नहीं करवाए गए राज्य स्तरीय अंतर-विश्वविद्यालय युवा मेले को इस बार दिसंबर महीने पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला में करवाया गया। इस युवा मेले का मनोरथ नौजवानों को पंजाब की समृद्ध विरासत से जोडऩा है। युवा सेवाएं विभाग द्वारा नौजवानों को अन्य राज्यों में भेजकर वहाँ के सभ्याचार, वातावरण और रीति-रिवाज़ों को समझने के लिए राज्य के 300 नौजवानों के अंतर-राज्यीय दौरे करवाए गए। इसके अलावा ग्रामीण यूथ क्लबों के 200 अहुदेदारों/सदस्यों की यूथ प्रशिक्षण वर्कशॉप भी लगाई गई।

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