होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): प्रभु रामलाल जी के परम शिष्य स्वामी मुलख राज जी महाराज के 124 में जन्म दिवस के अवसर पर चार दिवसीय कार्यक्रम का आगाज आज योग साधन आश्रम डिगाना रोड पर आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा की देखरेख में हुआ | हवन आरती के उपरांत रामायण जी के पाठ का आरंभ हुआ | इस मौके पर भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा जी ने कहा कि स्वामी मुल्ख राज जी ने अपना सारा जीवन प्रभु रामलाल जी के सानिध्य में योग करते हुए व्यतीत किया | उन्होंने कहा कि उनकी महानता को इस बात से देखा जा सकता है कि उन्होंने सतगुरु कृपा होने के बाद संसार से विरक्त होकर केवल प्रभु भक्ति को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया |
हम लोग संसार में आते हैं और इसी में फंस कर रह जाते हैं | संसार में बुराइयों की भरमार है जहां कीचड़ कम नहीं है | हमें रास्ता नहीं मिलता | हम काम क्रोध मोह लोभ अहंकार में पड़े रहते हैं | हम इससे निकलने का प्रयास भी करते हैं तो कोई मार्ग दिखाई नहीं देता | क्योंकि जब तक हमें सद्गुरु के चरणों की प्राप्ति नहीं होगी हम भवसागर में भटकते रहेंगे | सद्गुरु ही ईश्वर से मिलाते हैं |परमधाम की प्राप्ति कराते हैं |जबकि यह संसार हमें बांध लेता है | इसी कारण हमें बार-बार इसमें आना पड़ता है | उन्होंने कहा कि संसार के जीव मोह माया से नहीं छूट पाते | हम प्रयास भी नहीं करते इस माया से छुटने का | उन्होंने कहा कि स्वामी मुलख राज जी जब कश्मीर में प्रभु रामलाल जी के साथ थे तो उनकी पत्नी का देहांत होने का समाचार मिला | जब प्रभु जी ने उन्हें वापस घर जाने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि जो होना था हो चुका अब मुझे अपने चरणों से दूर मत करो |
आचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा ने कहा कि हम लोग ज्योतिषियों के पास सांसारिक वस्तुओं की प्राप्ति के लिये जेसे विवाह, पुत्र की प्राप्ति या किसी के नुकसान के लिए जाते हैं | लेकिन स्वामी जी ज्योतिषी के पास केवल यह पूछने गए कि उन्हें सद्गुरु के चरणों की प्राप्ति कब होगी | ईश्वर से उनका मिलाप कब होगा | उन्होंने कहा कि आज प्रभु राम लाल जी द्वारा दिया गया योग स्वामी मुलख राज जी के प्रयास से तथा हमारे सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज की कृपा से पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है | हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने जीवन को योगमय बनाएं|