अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़ )। पूर्व मंत्री व वशिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि छह जून को शांतिपूर्वक बंद रहा। इसे पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मान रही है। यह ठीक है कि पंजाब में शांति रही और सब कुछ बिना किसी गड़बड़ के संपन्न हो गया, पर पंजाब सरकार को और पंजाब पुलिस को यह याद रखना होगा कि जो शांति थी वो कानून द्वारा नहीं दी गई थी, बल्कि डर के कारण लोगों ने अपने सभी कारोबार बंद रखे। होना तो यह चाहिए कि सरकारें जनता को सुरक्षा दें और जो कोई व्यक्ति बंद में शामिल होना चाहता है वो दुकानें बंद रखें और जो नहीं होना चाहते उन्हें डंडे के डर से या उपद्रव की आशंका से दुकानें न बंद करनी पड़ें।
उस दिन ऐसा लगता था जैसे सरकार भी चाहती है कि कोई कारोबार न चले। यह ठीक है कि सरकार की पहली प्राथमिकता अमन-शांति बनाए रखना है पर जिस राज्य में विशेषकर अमृतसर में देश विरोधी नारे लगाते हुए सैकड़ों लोग सडक़ों पर निकले उन्हें तो खुली छूट मिले। इसके विपरीत जो लोग अपने सुरक्षा बलों को और आतंकवाद में शहीद हुए पंजाब के नागरिकों को श्रद्धांजलि देना चाहते उन्हें नजरबंद घरों में या जेलों में किया जाए। यह शांति नहीं थी, बल्कि मजबूरी की खामोशी थी।