सर्वहितकारी विद्या मंदिर में संकुल स्तरीय दो दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का हुआ शुभारंभ

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विद्या भारती पंजाब द्वारा निर्देशित होशियारपुर संकुल का आचार्य प्रशिक्षण वर्ग सर्वहितकारी विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी होशियारपुर में प्रधानाचार्य व संकुल प्रमुख अरुण पुंज जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस वर्ग का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके एवं सरस्वती वंदना से किया गया। इसके उपरांत अतिथियों का परिचय प्रदान किया गया। इस अवसर पर स्थानीय विद्यालय व होशियारपुर संकुल के अंतर्गत सर्वहितकारी विद्या मंदिर बस्सी वाजीद के लगभग 32 आचार्य-दीदियों ने प्रतिभाग किया। इस वर्ग के अंतर्गत उद्बोधन एवं चर्चात्मक विषयों का प्रतिपादन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ धर्मपाल साहिल जी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
प्रथम सत्र में ‘हमारा लक्ष्य’ इस विषय पर प्रधानाचार्य अरुण पुंज जी ने सभी का मार्गदर्शन किया उन्होंने विद्या भारती के लक्ष्य को प्रतिपादित करते हुए बताया कि सुसंपन्न और सुसंस्कृत नागरिकों का निर्माण करना ही विद्या भारती का मूल लक्ष्य है। द्वितीय सत्र में शारीरिक सबलता एवं एकाग्रता को बढ़ाने के लिए समता का विषय लिया गया, जिसे विद्यालय के शारीरिक एवं योग के आचार्य राकेश कुमार जी ने लिया। उन्होंने इसमें समता से संबंधित व्यायामों का अभ्यास करवाया। इसके अतिरिक्त इसी सत्र में कंप्यूटर से संबंधित मूलभूत तथ्यों की जानकारी कंप्यूटर के आचार्य शिवम गुप्ता एवं एटीएल इंचार्ज हरप्रीत जी द्वारा प्रदान की गई। तृतीय सत्र प्रशिक्षण वर्ग के मुख्य अतिथि डॉ. धर्मपाल साहिल जी द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने ‘मूल्य शिक्षा’ से संबंधित विषय वस्तु को सभी आचार्य दीदियों के समक्ष रखा। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया की अगर देश को सुदृढ़ और समृद्ध बनाना है तो छात्रों में मूल्य शिक्षा के आधारित शिक्षण करवाना अति आवश्यक है, क्योंकि आज के छात्र ही कल के नेता हैं उनमें ऐसे गुणों का विकास करना बहुत ही आवश्यक है।
चतुर्थ सत्र का प्रारंभ भोजन के उपरांत किया गया, जिसमें चर्चात्मक विषय ‘विद्या भारती का आचार्य’ इस विषय पर चर्चा की। सभी आचार्य-दीदियों ने विद्या भारती का आचार्य कैसा हो, उसमें कौन-कौन से गुण हों, विद्या भारती का आचार्य अन्य अध्यापकों के किस प्रकार भिन्न है। इस विषय पर सभी ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। पंचम सत्र समापन सत्र का रहा। जिसमें प्रधानाचार्य अरुण पुंज जी ने चारों सत्रों में अध्ययन किए गए सभी विषयों पर चर्चा की एवं सभी आचार्य-दीदियों ने उपरोक्त सभी विषयों को समझकर सकारात्मक रूप में अपने शिक्षण में प्रयोग करने के लिए आश्वासन दिया। अंत में सुखना मंत्र के साथ इस प्रशिक्षण वर्ग के प्रथम दिवस का समापन सफलतापूर्वक हुआ।

Advertisements

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here