मीत हेयर द्वारा टिवाना और अमलाला में घग्गर नदी का किया दौरा

डेराबस्सी, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर द्वारा राज्य और पहाड़ों में पड़ी मूसलाधार बारिश के कारण घग्गर नदी में रिकार्ड पानी का स्तर बढ़ने के कारण हुए नुकसान और अलग-अलग स्थानों पर पड़ी दरारें भरने के लिए जंगी स्तर पर किये जा रहे बचाव और राहत कामों का जायज़ा लेने के लिए यहां नजदीकी गाँव टिवाना और अमलाला में घग्गर नदी का दौरा किया। मीत हेयर ने डेराबस्सी से विधायक कुलजीत सिंह रंधावा के साथ जाकर टिवाना में नदी में आयी दरार को भरने के काम देखा। गाँव वासियों को मिल कर फसलों को हुए नुकसान का जायज़ा लिया और अमलाला में घग्गर नदी पर बने पुल को हुए नुकसान को भी देखा।

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मीत हेयर ने बताया कि इस बार निरंतर और तेज मूसलाधार बारिशों के कारण पिछले कई दशकों से घग्गर नदी में रिकार्ड पानी आया। भांखरपुर में जहाँ घग्गर नदी पंजाब में दाखि़ल होती है, इस बार 970.4 फुट पानी आया जोकि अब तक का सबसे अधिक है। इससे पहले 2004 में 967.4 फुट पानी था। घग्गर नदी में पानी बढ़ने और ओवरफ्लो होने से इसमें मोहाली, पटियाला और संगरूर में कुछ स्थानों पर दरारें भी आयी हैं।

मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से राहत कामों के लिए आपदा फंड में से जहाँ 33.50 करोड़ रुपए तुरंत जारी किये गए वहीं 71 करोड़ रुपए और मंज़ूर किये गए। राज्य सरकार की तरफ से लोगों के हुए नुकसान की भरपायी की जायेगी। सरकार के नुमायंदे और प्रशासन दिन- रात लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। उन्होंने इस कुदरती आपदा के कारण पैदा हुई मुश्किल घड़ी में लोक सेवा में जुटे सभी धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं का भी धन्यवाद किया। जल स्रोत मंत्री ने बताया कि विभाग की तरफ से स्थानीय ज़िला प्रशासन, सेना और एन. डी. आर. एफ. की मदद से दरार भरने के काम जंगी स्तर पर किये जा रहे हैं। गाँव डहिर से टिवाना तक घग्गर के बाँधों पर चल रहे कामों के विवरण देते हुये बताया कि पाँच पोकलेन मशीनें, दो ट्रैक्टर- ट्रालियाँ, दो कराह ट्रैक्टर और 10 टिप्पर काम कर रहे हैं।

सवा लाख थैलों के प्रबंध के इलावा 10 हज़ार से अधिक खाली थैले भरे जा चुके हैं। करेट बनाने के लिए रस्सियों के जाल बुने जा रहे हैं। 250 से अधिक मज़दूर काम कर रहे हैं। यदि और भी किसी समान या मज़दूरों की ज़रूरत पड़ी तो वह मदद भी तुरंत मुहैया करवाई जायेगी। इसी तरह टांगरी नदी के बाँध की रिपेयर के लिए दो जेसीबी, एक पोकलेन मशीन और दो ट्रैक्टर ट्रालियाँ काम कर रही हैं। इस मौके पर एस. डी. एम. हिमांशु गुप्ता, ए. एस. पी. डा दर्पण आहलूवालीया, जल स्रोत विभाग के एस. ई. मनोज बांसल सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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