चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। स्वास्थ्य मंत्री पंजाब द्वारा दिए गए आश्वासन के 7 महीने बाद भी बढ़ा वेतन न मिलने के कारण 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों द्वारा आज भारी गिनती में मोहाली के अंब साहिब गुरुद्वारा साहिब के नजदीक एकत्रित होकर पंजाब सरकार व कंपनी के खिलाफ धरना लगाया, जिसमें 800 के करीब एंबूलैंस ड्राइवरों के अलावा 108 एंबूलैंस कर्मचारी यूनियन के पक्ष में आई राष्ट्रीय भगवां सेना के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय भगवा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज दवेसर, चेयरमैन संतोख गिल, रवि कुमार, बाल्मिक समाज के गुरु बाबा नछत्तर नाथ व 108 कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अमनदीप सिंह और उपाध्यक्ष जोगा सिंह ने बताया कि आज मोहाली पहुंचते ही सरकार के अधिकारियों द्वारा एंबूलैंस कर्मचारियों को धरना न लगाने के लिए कहा गया तथा अधिकारियों से मीटिंग करवाने का आश्वासन दिया गया।
उन्होंने बताया कि एंबूलैंस की जायज मांगों के संबंध में पंजाब के एडीजीपी जसकरण सिंह के साथ मीटिंग की गई, जिन्होंने उनकी मांगों को सुना व जायज बताते हुए आश्वासन दिया कि आगामी 15 तारीख के बाद उनकी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मीटिंग करवाकर सभी जायज मांगों का जल्द ही हल करवा दिया जाएगा। उन्होंने 108 एम्बूलैंस कर्मचारियों को धरना न लगाने की अपील भी की। इस संबंधी यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने बताया कि एडीजीपी पंजाब के आश्वासन के बाद वह आज दोबारा डयूटी पर लौट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वेतन बढ़ोतरी और अन्य मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने बीते जनवरी माह में लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरना दिया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को मानने और वेतन में 5000 रुपये की बढ़ोतरी समेत कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार और कंपनी ने अभी तक कर्मचारियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान के कहने के बावजूद कंपनी ने कर्मचारियों को जनवरी महीने का वेतन नहीं दिया। 108 कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अमनदीप सिंह और उपाध्यक्ष जोगा सिंह ने बताया कि वे लंबे समय से मांग कर रहे थे कि सरकार उनकी सेवाएं अपने अधीन ले, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 2013 से उनका इंक्रीमेंट रुका हुआ है और सरकार इसके भुगतान को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बावजूद कंपनी का अडिय़ल रवैया जस का तस है।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति के समय तय हुआ था कि 108 कर्मचारियों का ट्रांसफर दूर दराज नहीं किया जाएगा, लेकिन अब सरकार कर्मचारियों का 200 से 300 किलोमीटर ट्रांसफर कर रही है. जिससे उनका जीवन आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मांग की कि 108 कर्मचारियों का चिकित्सा व् दुर्घटना बीमा कराया जाए तथा कोविड काल में बंद अवकाशों को बहाल किया जाए।उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देने के बजाय आवाज उठाने वाले कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर उनका मनोबल गिराने जैसे असफल कदम उठा रही है। उन्होंने मांग की कि अपने हक के लिए आवाज उठाने वाले बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल किया जाए और एंबुलेंस चालक को नियमानुसार 12 की जगह 8 घंटे की ड्यूटी दी जाए।