होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने अपने प्रेस नोट में कहा हैं कि पहले तो मुख्यमंत्री भगवंत मान व पंचायती राज्य मंत्री लालजीत भुल्लर ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए पंचायतों को समय से पहले भंग करके तानाशाही फैसला लिया तथा इसके लिए माननीय हाईकोर्ट से झाड़ खाकर सरकार को वह फैसला वापस लेना पड़ा।
बजाए अपनी गलती मानने के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुलेआम बेशर्मी दिखाते हुए इस गलत फैसले की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेने की बजाय पंचायती राज सेक्रेटरी तथा डायरेक्टर पर डालकर उन्हें निलंबित कर दिया, जिसके लिए सरकार की चारों ओर थू-थू हो रही है. दरअसल में पंचायतों के फंड गलत ढग से उपयोग करने तथा मजबूरन उन्हें खुर्द-बुर्द करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था, परंतु आलोकतांत्रिक और गैर संवैधानिक होने के कारण उसे वापस लेना पड़ा, अब जब स्पष्ट हो चुका है कि जिस फैसले को लेने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान और लालजीत भुल्लर ने अधिकारियों पर दबाव डाला था।
उस फाइल पर उन्होंने अपने हस्ताक्षर भी किए हैं, परंतु अब लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए अपनी गलती को छुपाने के लिए बेवजह अधिकारियों पर गाज गिरा दी हैं। सूद ने कहा कि अधिकारियों के निलंबन से पहले पंचायती पंचायत राज मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस्तीफा देना चाहिए।