श्री हजूर साहिब गए यात्री हुए परेशानी का शिकार

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पंजाब। पंजाब के जिला होशियारपुर से श्री हजूर साहिब के दर्शनों के लिए जत्थे को आज परेशानी का सामना करना पड़ा। वहां गए यात्रियों ने बताया कि ट्रेन भले ही होशियारपुर से समय पर रवाना कर दी गई हो और वहां पर भी यात्रियों को श्री गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने में कोई परेशानी न हुई हो। परन्तु आज 19 जुलाई को जब यात्रियों की वापसी थी तो उन्हें ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहां से लौट रहे यात्रियों ने फोन पर जानकारी दी कि वापस आने के लिए पहले तो वे करीब 4 घंटे तक पंजाब भवन के बाहर इस प्रकार बैठे रहे जैसे उन्होंने यात्रा में आकर कुछ गुनाह किया हो और उन्हें बाहर बिठाकर कोई सजा दी जा रही हो। इसके बाद जब वे रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो ट्रेन के टाइम पर न होने के चलते वे दूसरों से तो क्या खुद से भी नजरें नहीं मिला पा रहे थे।

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यात्रियों ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि उनके साथ ऐसा सलूक किया जाएगा। यात्रियों ने फोन पर बताया कि सरकार द्वारा उनके साथ जो प्रतितिनिधि भेजे गए हैं उनके पास भी इस प्रकार से व्यवहार किए जाने संबंधी कोई जवाब नहीं है तथा वे भी यात्रियों से आंखें चुराते फिर रहे हैं। ‘द स्ैलर न्यूज़ के साथ बातचीत दौरान यात्रियों ने बताया कि उन्हें नहीं पता था कि धार्मिक यात्रा के नाम पर सरकार उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार भी कर सकती है। यात्रियों का कहना है कि सरकार को सभी प्रबंध पहले से ही पूरे करके रखने चाहिए थे। एक तरफ भले ही पंजाब सरकार प्रदेश निवासियों को धार्मिक यात्रा के नाम पर उनके दिलों में जगह बनाने की कोशिश कर रही हो, परन्तु सत्य तो यह है कि धार्मिक यात्रा दौरान यात्रियों को पेश आने वाली समस्याओं के चलते उनके मनों में सरकार के प्रति कोई संवेदना आने वाली नहीं है। हाल ही में होशियारपुर से पूरे उत्साह के साथ सरकार के मंत्रियों एवं नेताओं द्वारा महाराष्ट्र में स्थित श्री हजूर साहिब के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं से भरी ट्रेन रवाना की थी। परन्तु आज 10 जुलाई को वापसी के समय यात्री को जिस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा उसे वे शायद ही कभी भूलें। द स्टैलर न्यूज़ के साथ फोन पर यात्रियों ने जो परेशानियां बताई उन्हें सुनकर ऐसा लगा कि सरकार यात्रा के माध्यम से जनता को खुश तो करना चाहती है पर प्रबंध पूरे करना जरुरी नहीं समझती। जिसके चलते कहीं न कहीं उसे जनता के रोष का सामना भी करना पड़ सकता है, जोकि आगामी विधानसभा के लिए सही नहीं माने जा रहा हैं।

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