पोषण माह की समाप्ति पर अज्जोवाल स्कूल में प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। पोषण माह की समाप्ति पर सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में इंचार्ज अनु आनंद की अध्यक्षता में एक प्रभावशाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान मैडम कुलविंदर कौर विशेष तौर पर उपस्थित हुई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस तरह गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल की जरूरत होती है, वैसे ही हमारे शरीर को कार्य करने के लिए आहार की जरूरत होती है, लेकिन शरीर स्वस्थ व निरोगी रहे, हर आयु में उसका विकास सतत रहे तथा शरीर के सभी तंत्र व प्रणालियां सही तरह से कार्य करें, इसके लिए बहुत जरूरी है कि शरीर को जरूरी मात्रा में पोषण मिलता रहे। शरीर के लिए पोषण की अहमियत के बारें में सभी जानते हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से बहुत बड़ी संख्या में लोग विशेषकर बच्चे जरूरी मात्रा में पोषण ग्रहण नहीं कर पाते हैं और कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। हर व्यक्ति विशेषकर बच्चों के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए स्वस्थ पोषण सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। ऐसे में लोगों को संतुलित व पौष्टिक आहार के लाभ व जरूरत के बारें में जागरूक करने तथा उन्हे स्वस्थ व निरोगी बने रहने के लिए पौष्टिक व संतुलित आहार को अपनाने के लिए जागरूक करने तथा आम जन को इससे जुड़ी सरकारी नीतियों व योजनाओं के बारें में अवगत करने के उद्देश्य से हर वर्ष भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा सितंबर महीने में एक विशेष थीम के साथ राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है।

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उन्होंने कहा कि बाल्यावस्था के दौरान उचित पोषण बच्चों के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। यह उन्हे सीखने, खेलने, भाग लेने और समाज में योगदान करने योग्य बनाता है। वहीं महिलाओं में भी विशेषकर गर्भवती महिलाओं में कुपोषण को लेकर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। लेकिन अज्ञानता, उपलब्धता में कमी तथा अन्य कई कारणों से हमेशा से ही बड़ी संख्या में बच्चों व महिलाओं में कुपोषण की समस्या देखी जाती रही है। हालांकि सरकारी प्रयासों व नीतियों का नतीजा है कि काफी हद तक लोगों में कुपोषण के नुकसान व पोषण की जरूरत को लेकर जागरूकता फैल रही है।

वहीं सरकारी योजनाओं के चलते कुछ हद तक जरूरत मंद लोगों व बच्चों तक आहर से जुड़ी सहूलियतें भी पहुंच रही है। जिसका असर कुपोषण से जुड़े आंकड़ों पर भी देखा जा रहा है यूनिसेफ के एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान समय में भारत में 0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के कुपोषित बच्चों की संख्या में 14 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है। जो पिछले 25 वर्षों में सबसे तेज गिरावट है। हालांकि इस दिशा में अभी भी लगातार प्रयास की जरूरत है। इस मौके पर एक्टिविटी इंचार्ज रजनीश, बबनीत कौर तथा शांति देवी भी उपस्थित थे।

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