होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन में सत्संग के दौरान भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए आश्रम के आचार्य चंद्र मोहन ने कहा कि हमें मानव जन्म मिला है अगर इसमें हमने मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयास न किया तो यह जन्म व्यर्थ है | उन्होंने कहा कि मानव जन्म में मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है | उन्होंने कहा कि योगाचार्य सतगुरु देव चमन लाल जी महाराज कहा करते थे कि मोक्ष प्राप्ति के लिए हमें योग करना चाहिए | जीव जब संसार में आता है तो उसे शरीर और मन मिलता है | अगर यह दोनों दुखी हो तो वह भी दुखी होता है | अक्सर लोग कहते हैं कि मेरा शरीर दुखी है अथवा मेरा मन दुखी है |
इसमें मेरा शब्द से क्या अभिप्राय है इसको जानना जरूरी है | मैं का मतलब आत्मा होता है | शरीर तथा मन के द्वारा जीव दुख भोगता है | गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि मैं ही आत्मा बनकर सभी जगह स्थित हूं | आत्मा को शरीर ही समझे तो गलत होगा |अगर केवल मन समझे तो भी गलत होगा | आत्मा को सुखी करने के लिए योग है | शरीर के लिए योग के साधन करोगे तो सुखी रहोगे | इसके बिना निरोग तथा दीर्घायु रहना मुश्किल है | शरीर को सुखी रखना मुश्किल नहीं है | लेकिन मन शरीर के साथ बंधा हुआ है | इसको सुखी करना मुश्किल है | मन को सुखी रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है | कोई कहता है कि ध्यान लगाने से मन सुखी हो सकता है | पर बहुत से लोग ध्यान करने के बावजूद मन से सुखी नहीं है | ध्यान लगाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है |
केवल ध्यान में बैठ जाने मात्र से कुछ नहीं होता | मन को स्थिर करने के लिए ईश्वर की भक्ति होनी चाहिए | ईश्वर की शरण में जाए बिना मन सुखी नहीं हो सकता | ईश्वर की शरण में जाने से मन को शांति मिलती है | इसके लिए आस्तिक होना जरूरी है | कई बार भक्तों का मन भी ध्यान में नहीं लगता | इसके अलावा हमें देखना होगा कि हमारा खान-पान कैसा है | हमारा भोजन सात्विक होना चाहिए ‘ इसके अलावा भोजन समय पर करना चाहिए | जब हम भोजन करते हैं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब तक हमारा मैदा खाली ना हो तब तक कुछ और नहीं खाना चाहिए | जठराग्नि को खाना पचाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए | हम खाने के साथ बहुत सी चीज ले लेते हैं जो कई बार नुकसानदायक साबित होती है |
मांसाहारी भोजन से कई चीजों को नुकसान पहुंचता है | इसके अतिरिक्त शरीर में स्फूर्ति होनी चाहिए तभी शरीर ध्यान में लगेगा | योगासन प्राणायाम ध्यान के लिए जरूरी है | ध्यान के लिए आसन ठीक होना चाहिए ताकि हम आरामदायक अवस्था में बैठकर ध्यान कर सके | उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ध्यान का कोई ना कोई लक्ष्य होना चाहिए | हमारा कोई एक ईष्ट होना चाहिए | जिसके प्रति हमारी पूर्ण श्रद्धा हो | इसके बिना ध्यान नहीं लग सकता | फोटो कैप्शन: प्रवचन करते आचार्य चंद्र मोहन जी |