धान की पराली को आग न लगाकर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं किसान: कोमल मित्तल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे धान की पराली को आग न लगाए ताकि वातावरण दूषित को दूषित होने से बचाया जा सके। वे आज पंजाब सरकार के कृषि विभाग की ओर से आत्मा स्कीम के अंतर्गत अलग-अलग कृषि तकनीकों के बारे में किसानों को नई तकनीके देने के उद्देेश्य से स्थानीय कृषि भवन में जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण कैंप के दौरान संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ मेयर सुरिंदर कुमार, संयुक्त डायरेक्टर कृषि इंजीनियरिंग जगदीश सिंह, सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीन सैनी व मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसवंत राय भी मौजूद थे।

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डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन की ओर से किसानों को फसलों के अवशेषों को आग लगाने से होने वाले बुरे प्रभावों के बारे में जागरुक कर रहे हैं और इस संंबंधी किसानों को साहित्य, गांवों के धार्मिक स्थानों पर मुनियादी व गांवों के स्कूलों में जागरुकता रैलियों के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है। इस कैंप में उन्होंने जिले के अलग-अलग ब्लाकों के पराली को आग न लगाने वाले 10 किसानों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि किसानों को जिले में पिछले वर्षों के दौरान सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई गई मशीनरी का अधिक से अधिक  प्रयोग कर अपने खेतों में पराली का योग्य प्रबंधन की अपील की। उन्होंने किसानों को पराली का योग्य प्रबंध कर जिले को प्रदेश में अग्रणी जिला बनाने में सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से धान की फसल खरीदने के सभी प्रबंध मुकम्मल किए गए हैं और किसानों को इस संबंधी कोई मुश्किल नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने किसानों को अपनी उपज सूखआ कर ही मंडी में बेचने की अपील की ताकि उन्हें किस किस्म की परेशानी न हो।

कैंप के दौरान संयुक्त डायरेक्टर कृषि इंजीनियरिंग जगदीश सिंह ने किसानों को विभाग की ओर से चलाई जा रही किसान हितैषी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की। उन्होंने किसानों की ओर से फसली विभिन्नता को अपनाने पर जोर दिया।

कैंप को संबोधित करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसवंत राय ने कृषि विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और किसानों को अपील की कि वे फसलों के अवशेषों के योग्य प्रबंधन करने में कृषि व किसान कल्याण विभाग की ओर से मुहैया करवाई गई कृषि मशीनरी का पूरा लाभ उठाएं व कृषि भूमि परीक्षण के आधआर पर प्राप्त किए गए भूमि स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही खादों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि कृषि इनपुट की क्वालिटी किसानों तक पहुंचाने के लिए इन इनपुट्स के समय-समय पर विभाग की ओर से सैंपल भरे जाते हैं। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि आज के कृषि युग में किसानों को ग्रुपों, सोसायटियां बनाकर खेती करनी चाहिए ताकि फालतू खर्चों के बोझ से बचा जा सके। उन्होंने किसानों को विभाग की ओर से सब्सिडी पर मुहैया करवाए जा रहे गेहूं के बीज संबंधी अपील करते हुए कहा कि जिले के किसान गेहूं के प्रमाणित बीज विभाग के पोर्टल पर अपने आवेदन आइलाइन 31 अक्टूबर तक दायर कर प्राप्त कर सकते है। कैंप के दौरान जिले के अलग-अलग ब्लाकों के प्रगतिशील किसान जिन्होंने पिछले वर्षों के दौरान पराली का सुचारु प्रबंधन किया था को सम्मानित भी किया गया। कैंप में अलग-अलग सैल्फ हैल्प ग्रुपों, विभागों की प्रदर्शनी स्टाल भी लगाए गए। इस मौके पर राजेश्वर दयाल बब्बी, सुमेश सोनी, जिला प्रशिक्षण अधिकारी डा. हरशरणजीत सिंह सहित कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व बड़ी गिनती में किसान मौजूद थे।

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