होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की और से गौतम नगर में करवाए गए कार्यक्रम में प्रवचन करते हुए साध्वी नीतिविधा भारती जी ने कहा कि एक बार कुछ मनुष्य आम के बाग में गए। उनमें से बहुत सारे पेड़ों की पतियां गिनने, पतो का रंग जांचने में लग गए। उन लोगों ने सब बातों की टिपणी भी की पर उनमें से एक मनुष्य जो इन सबसे बुद्विमान था इन सभी सें अलग रहा और उसने अपना सारा समय खाने में लगाया। अब बताओ इन सब में ज्यादा वद्विमान कौन था।
अगर आज धर्म क्षेत्र की बात करें तो ज्यादा गिनने बालों की ही है लेकिन हमें तो ईश्वर का पता नही है। यह पुराना नियम है। जो बोजे सो पावे। हमें निरन्तर युद्व लडऩा है, स्वयं अपनी प्रकृति का दम है जब तक विजय न प्राप्त हो।शब्द योजना की विभिन्न रीतियां, सुन्दर भी है और उसके के अर्थ समझाने के अनेक रूप हैं यह सब विद्वानों की वस्तुए हैं। इनमें किसी को मुक्ति नहीं कि पाण्डित्य का प्रदर्शन है। प्रभुु प्राप्ति के बिना यह जीवन अधूरा हैं।