योग साधन आश्रम में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर एक धार्मिक समागम का किया आयोजन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम मॉडल टाउन में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर एक धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। इस मौके पर भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए मुख्य आचार्य चंद्र मोहन जी ने कहा कि हम सत्संग में प्रभु की महिमा सुनने आते हैं। लेकिन सुनकर चले जाना ही काफी नहीं होता। सत्संग में बताई गई चीजों को हमें अपने जीवन में उतारना होता है। तभी हम अपने असली लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज कहा करते थे कि सत्संग में केवल भाग्यशाली लोग ही पहुंच पाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मोती तो जमीन पर बिखरे होते हैं जिन्हें हर कोई आसानी से चुग  सकता है। लेकिन कुछ मोती समुद्र की तह में होते हैं जिन्हें पाने के लिए हमें गहराई में उतरना पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि योग एक सागर है। इसमें डुबकी लगाने से ही हम समाधि को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बचपन में हम सुना करते थे कि भगवान हर कहीं है लेकिन नजर नहीं आते और योग के बिना उन्हें नहीं पाया जा सकता। उन्होंने कहा कि योग के बल पर ही अर्जुन को भगवान के दर्शन हुए थे। उन्होंने कहा कि योग से हमें हर चीज प्राप्त हो सकती है। राजयोग के द्वारा भगवान के दर्शन कर सकते हैं। चित्त को निरोध करने से आत्मा के दर्शन हो जाते हैं। लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। इसके अलावा हठयोग द्वारा भी भगवान की प्राप्ति की जा सकती है।

प्राण का संबंध मन से है। कुंडली जागृत करने से हम भगवान को प्राप्त कर सकते हैं। एक और योग है जिसे कर्म योग कहते हैं। इसमें हम कर्म तो करते हैं लेकिन इच्छाओं को आगे नहीं रखते। ऐसा करने से भी ईश्वर की प्राप्ति हो जाती है। लेकिन आज लोग इच्छा पहले रखकर भगवान को याद करते हैं और इच्छा पूरी न होने पर भगवान को भी बदल देते हैं। इसके अलावा हम शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन का निर्वाह करके भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन को जियें तथा स्वाध्याय करें। ऋषियों द्वारा लिखी गई पुस्तकों को पढ़ें। उनमें प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में धारण करें। शरीर की शुद्धि के लिए योग करें। ऐसा  करने से भी भगवान की प्राप्ति हो सकती है।

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