“निमोनिया नहीं बल्कि बचपन सही है” विषय के तहत सांस कार्यक्रम के बारे में जागरूकता अभियान

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। “निमोनिया नहीं तो बचपन सही” नारे के तहत सांस कार्यक्रम के संबंध में सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा जी और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग के नेतृत्व में जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके तहत आज स्वास्थ्य संस्थानों के सभी सरकारी वाहनों एवं एंबुलेंसों पर सांस कार्यक्रम से संबंधित निमोनिया के बारे में जागरूक करते स्टीकर लगाए गए। इस अवसर पर डॉ. शैलेश कुमार, डॉ.मीतदपिंदर सिंह, वी.सी.सी.एम उपकार सिंह, जिला बीसीसी काआर्डीनेटर अमनदीप सिंह, आशा रानी और अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

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इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा जी ने बताया कि सांस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निमोनिया के बारे में जागरूकता पैदा करना और इसका समाधान करना है क्योंकि यह देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने बताया कि निमोनिया के लक्षण जैसे खांसी-जुकाम का बढ़ना, सांस तेज चलना, सांस लेते समय छाती का फूलना और बच्चे में तेज बुखार होना। इसके अलावा कुछ खा-पी न पाना, उल्टी और सुस्ती या ज्यादा नींद आना भी निमोनिया के गंभीर लक्षण हैं। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर उसे तुरंत सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए ताकि समय पर इलाज संभव हो सके।

डॉ. सीमा गर्ग ने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए सामाजिक जागरूकता की बहुत आवश्यकता है। इसीलिए इस अभियान के तहत स्वास्थ्य संस्थानों के सभी सरकारी वाहनों और एंबुलेंसों पर स्टिकर लगाए गए हैं ताकि इन वाहनों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि निमोनिया का इलाज घर पर संभव नहीं है। इसलिए घरेलू इलाज में समय बर्बाद न करते हुए जल्द से जल्द बच्चे को विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सर्दियों में बच्चे के शरीर को ढकना, ऊनी कपड़े पहनाना और नंगे पैर जमीन पर न चलने देना भी जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 11 विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए बच्चे का संपूर्ण टीकाकरण समय पर होना चाहिए। इस तरह हम एक स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण कर सकते हैं।

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