मृत्यु उपरांत आत्मिक शांति हेतु आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों को शान-ओ-शौकत से करने से परहेज करे लोगः संस्था सवेरा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। मृत्यु उपरांत दिवंगत व्यक्ति की आत्मिक शांति हेतु आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों को शान-ओ-शौकत से आयोजित करने की परम्परा दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। कई बार पारिवारिक प्रतिष्ठा हेतु मध्यम व गरीब वर्ग द्वारा कर्ज लेकर भी धार्मिक कार्यक्रमों में स्वादिष्ट भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जाती है। सामाजिक जागरूकता हेतु कार्यरत संस्था ‘सवेरा’ ने जनसाधारण से अनुरोध किया है कि मृत्यु से सम्बंधित आयोजित कार्यक्रमों पर पारिवारिक आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही खर्च करना चाहिए। आज यहां जारी प्रैस विज्ञप्ति में ‘सवेरा’ के पदाधिकारियों डा. अजय बग्गा, प्रो. जे.एस. बडियाल, डा. सरदूल सिंह, डा. अवनीश ओहरी, हरीश सैनी, स. सरबप्रीत सिंह सैनी व वरुण शर्मा आशु ने कहा कि मृत्यु सम्बंधित धार्मिक आयोजनों में श्रद्धांजलि अर्पित करने आए इलाका निवासियों की व्यवस्था न की जाए।

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पदाधिकारियों ने कहा कि भोजन सदैव प्रसन्न भाव से ही करना व करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दु:ख की घड़ी में परिवार में कैसे प्रसन्नता हो सकती है। अफसोस प्रकट करने या श्रद्धांजलि अर्पित करने आए व्यक्ति भी कैसे प्रसन्नचित हो सकते हैं। ‘सवेरा’ के कन्वीनर डा. अजय बग्गा ने कहा कि प्रार्थना सभा उपरांत सिर्फ दूर-दराज से आए हुए रिश्तेदारों हेतु ही साधारण भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने अमीर वर्ग से अपील की कि दु:ख प्रकट करने आए इलाका निवासियों के लिए भोजन पर खर्च करने की बजाए, उन पैसों का सदुपयोग करके अनाथ, बेसहारा, विध्वा व बीमार व्यक्तियों पर खर्च करके पुण्य के भागी बनें। डा. बग्गा ने ‘सवेरा’ के इस जागरूकता अभियान में कर सहयोग देने के लिए राकेश मरवाहा, संजीव तलवाड़ का धन्यवाद करते हुए अन्य सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े व्यक्तियों से भी इस अभियान में सहयोग करने को कहा। उन्होंने स्वामी पुष्पेन्द्र जी द्वारा इस अभियान की सफलता के लिए आशीर्वाद देने के लिए भी धन्यवाद किया।

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