भगवान के शरणागत होकर ही कलियुग के प्रभाव से बचा जा सकता है: अतुल कृष्ण

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी की तरफ से मंदिर परिसर एकता नगर में आयोजित किए जा रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के तीसरे दिन आचार्य राजिंदर प्रसाद जी हरिद्वार वालों ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ प्रारंभ करते हुए यज्ञ के महात्म का ज्ञान दिया। इस मौके पर राम कृष्ण ठाकुर व उनकी पत्नी सुमन ठाकुर ने मुख्य यजमान के तौर पर उपस्थित होकर हवन यज्ञ में आहुति डाली और सर्व मंगल की कामना की।

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सुबह यज्ञ के उपरांत बाद दोपहर श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। जिसमें अतुल कृष्ण शास्त्री जी वृंदावन वालों ने भगवान की मधुर कथा का रसपान करवाते हुए उनकी लीलाओं एवं श्रीमद्भागवत कथा के महात्म की वर्णन किया। इस दौराम व्यास पीठ पर विराजमान होने पर अतुल कृष्ण शास्त्री जी को रमेश अग्रवाल एवं तरसेम मोदगिल द्वारा तिलक लगाकर एवं पुष्पमालाएं पहनाकर उनका अभिन्नदन किया।

श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के तीसरे दिन राम कृष्ण ठाकुर व सुमन ठाकुर ने डाली आहुतियां

इस मौके पर कथा करते हुए अतुल कृष्ण ने कहा कि शरीर का रोग कथा सुनने से दूर नहीं होगा। मगर सोचा जाए कि मात्र कथा सुनने से ही रोग दूर हो जाते हैं तो इसका एकमात्र कारण यह है कि हम कथा सुनते हुए भी भौतिकता की चकाचौंध में खोये रहते हैं। उन्होंने बताया कि भवसागर से पार जाने और शरीर के कष्टों से मुक्ति का एकमात्र साधन है श्रीमद्भागवत कथा का अनुसरन करना। उन्होंने बताया कि सूत जी महाराज हरि कथा सुनाने में और कृष्ण जी महाराज कथा सुनने में आनंद ले रहे थे।

एक सुनाकर आनंद ले रहा था और एक सुनकर। अतुल कृष्ण ने बताया कि सूत जी ने कहा है कि कलियुग में लोग जितना धर्म और कर्म करेंगे उतनी ही उनकी रुचि अधर्म में रहेगी। इसलिए कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए भगवान के शरणागत होना जरुरी है। प्रवचन उपरांत मंगल आरती के बाद भंडारा लगाया गया। इस मौके पर संजीव अरोड़ा, रमेश अग्रवाल, तरसेम मोदगिल, रमेश मुखी सोनीपत, भूषण सोनीपत, राजिंदर मोदगिल, नवीन कोहली, मदन लाल, रमन सूरी, दविंदर वालिया (गुरु जी), शोभन सिंह, बृज बिहारी, साहिल शर्मा, नील शर्मा, निखिल अग्रवाल, अशोक कुमार, चमन लाल सूद, राजीव शर्मा, सुभाष अग्रवाल, परवीन तलवाड़, रमेश जोशी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य एवं श्रद्धालुओं ने प्रभु नाम का गुणगान किया।

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