प्रभु की कृपा हो तो अंत भले का भला: करुणामयी गुरु मां

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्रीराम चरित मानस प्रचार मंडल की तरफ से राम भवन बहादुरपुर में श्री श्री 1008 स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में करवाई जा रही श्री राम नवमी महोत्सव प्रारंभ के चौथे दिन की कथा करते हुए परम पूज्य संत करुणामयी गुरु मां जी ने कथा का शुभारंभ मधुर भजन से किया। जिसे सुनकर सभी श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर मुख्य यजमान सुश्री सरिता शर्मा सुपुत्री भगत मुंशीराम जी ने व्यासपीठ पूजन किया।

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कथा करते हुए गुरु मां ने कहा कि अंत भला तो सब भला। दशरथ जी ने कैकेयी के मोह में जो वरदान दिया था उसको पूर्ण किया। उनको अपने पूर्व जन्म मनु के अवतार की कथा स्मरण हुआ। उन्होंने बताया कि मछली जल बिना रह सकती है, सर्प मणि के बिना रह सकता है लेकिन मैं राम के बिना नहीं रह सकता और राम का स्मरण करते हुए दशरथ जी ने अपने प्राण त्याग दिए। एक अन्य प्रसंग की चर्चा करते हुए गुरु मां ने कहा कि सूर्पनखा और खरदूषण आदि जो राक्षसी भाव के थे ने भी भगवान राम के दर्शन किए तो उनकी भावना बदल गई। इसी प्रकार मरीची जो देखने में विरोधी लगता था तथा जो सीता हरण का कारण बना था और रावण के कहने पर मृग बना था, उसने भी प्रभु श्री राम का चिंतन करते हुए प्रभु के चरणों में प्राणों का त्याग किया। इसी प्रकार जो भी प्रभु के चरणों का स्मरण करता है वह दुनिया के सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है और प्रभु चरणों में उसे निवास मिलता है। गुरु मां ने बताया कि हमारा कल्याण इसी में है कि हम प्रभु में मन लगाएं। इस दौरान उन्होंने भजनों की ऐसी गंगा बहाई कि हर कोई उनमें डुबकी लगाए बिना न रह सकता।

इस अवसर पर जगदीश पटियाल, हरीश सैनी, महिंदरपाल गुप्ता, सुरिंदर ओहरी, राकेश भल्ला, राजीव सिंगला, नरिंदर कुमार नीटू, एस.पी. गौतम, वरिंदर चोपड़ा, शिवाजी, सुभाष राम पाल, सुभाष गंभीर, मंगत राम शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की।

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