राजनीतिक आका का आशीर्वाद: अधिकारियों से कथित मिलीभगत: फलफूल रहा शराब की नाजायज ब्रांच का धंधा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: समीर सैनी। एक तरफ जहां पंजाब सरकार तंदरुस्त पंजाब मिशन चलाकर राज्य से नशाखोरी और मिलावट को दूर करके लोगों को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा की तरफ कदम बढ़ा रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी नियमों को ठेंगा दिखाकर शराब के कारोबार से जुड़े कुछेक ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत करके शराब की ब्रांचों का गौरखधंधा करके खूब चांदी बटौरी जा रही है। आलम यह है कि एक्साइज विभाग के अधिकारियों के ध्यान में लाने के बावजूद कार्रवाई न होना, कहीं न कहीं कथित तौर पर आपसी सांठगांठ और मिलीभगत की तरफ इशारा करती है। अगर ऐसा न होता तो पहली बार ही समस्या ध्यान में लाए जाने पर अधिकारी कार्रवाई को अमल में लाते। मगर, हैरानी की बात तो यह रही कि बताए जाने के बावजूद अधिकारियों की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही। जिससे शराब की अवैध ब्रांचें चलाने वाले बेखौफ अपने काम को अंजाम देने में लगे हैं। वर्तमान समय में आलम यह है कि एक गांव में दो-दो ब्रांचें खोल दी गई हैं और यह सब कुछ अधिकारियों की नाक तले हो रहा है।

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जानकारी अनुसार होशियारपुर शहर के नजदीकी गांव बस्सी गुलाम हुसैन में शराब का एक ठेका गांव से आदमवाल मार्ग पर खोल दिया गया तो दूसरी तरफ शराब की नाजायज ब्रांच बजवाड़ा की तरफ गांव के एंट्री प्वाइंट पर खोल दी गई है। जोकि पिछले लंबे समय से चल रही है। इसका विरोध भी जताया गया, मगर न तो ठेकेदार पर इसका असर हुआ और न ही विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं रेंगी। हालत यह है कि गांव के आसपास माइनिंग के कारण जहां लोगों का गांव आना-जाना भी दूभर बना हुआ है वहीं दोनों एंट्री प्वाइंटों पर शराब के ठेके होने से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। दिन ढलने के साथ ही शराब के शौकीन लोगों का जमावड़ा गांव के दोनों ही मुख्य एंट्री प्वाइंटों पर लग जाता है, जिससे वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। हालात यह बन जाते हैं कि लोग वहां से शराब खरीदते हैं और आसपास की दुकानों एवं झाडिय़ों में वाहन लगाकर पीने लगते हैं।

ऐसी स्थिति होने से कई बार लड़ाई झगड़े का माहौल भी बन चुका है, क्योंकि कई लोग पीने के बाद वहां से गुजरने वाले लोगों के साथ छेडख़ानी करने से भी परहेज नहीं करते। जिससे हालात नाजुक बन जाते हैं। गांव निवासियों, राहगीरों एवं आसपास के लोगों ने बताया कि ठेकेदार पर किसी राजनेता का हाथ होने और विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत होने के चलते ही यह सब संभव है, अन्यथा कार्रवाई न हो ऐसा नहीं हो सकता। दुख की बात है कि लोगों द्वारा विरोध जताए जाने का भी विभाग पर कोई असर नहीं हुआ। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर यह ब्रांच को न हटाया गया तो आने वाले समय में वे प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी एक्साइज विभाग की होगी।
गांव बस्सी गुलाम हुसैन ही नहीं इसके समीपवर्ती गांव बजवाड़ा अड्डा का हाल तो इससे भी बदतर होता जा रहा है। शाम ढलते ही बजवाड़ा भ_ा पर स्थित खाने-पीने की अधिकतर दुकानें शराबियों से भर जाती हैं और लोग मंजूरशुदा अहाते के अलावा आसपास की दुकानों में बैठकर भी शराब का सेवन करते हैं। पड़ताल करने पर मामूल चला कि शराब पिलाने वाले दुकानदार एवं रेहड़ी वाले अहाते वाले एवं ठेके वाले को पैसे देते हैं। जोकि बड़े स्तर पर चल रहे गौरखधंधे की तरफ इशारा करता है।

इस संबंध में बात करने पर ई.टी.ओ. हनुमंत सिंह ने कहा कि शराब की ब्रांच बजवाड़ा ठेका की है और वो बजवाड़ा की हद में पड़ती है। लेकिन जब उन्हें गांव बस्सी गुलाम हुसैन की फर्द के बारे में जानकारी दी गई तो वे बात को टाल मटोल करने लगे तथा कहा कि वे इस संबंधी पूरी जानकारी हासिल करने उपरांत बनती कार्रवाई करेंगे। बजवाड़ा भ_ा पर फैली अव्यवस्था के बारे में बात करने पर उन्होंने कहा कि वे इस संबंधी भी कार्रवाई को अलम में लाएंगे।

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