लुधियाना/चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा संबंधी विभागों के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने पिछली अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार पर पंजाब को हर पक्ष से कंगाल करने का दोष लगाते हुए कहा है कि इस सरकार का नेतृत्व करने वाले बादल परिवार ने पंजाब का सबसे अधिक नुक्सान किया है। वह गांव छपार में एतिहासिक मेले के दौरान कांग्रेस पार्टी की विशाल बैठक को संबोधन कर रहे थे।
धर्मसोत ने कहा कि आज से 10 साल पहले इतिहास की बातें हुआ करती थीं कि पंजाब का सबसे अधिक नुक्सान आतंकवाद ने किया परन्तु अकाली-भाजपा गठजोड़ की सरकार द्वारा अपने शासनकाल के दौरान पंजाब को लूटने और पंजाबियों को पीटने के घटनाक्रमों से यह इतिहास अब बदल गया है। अब लोग अपने आप कहने लगे हैं कि भविष्य में जब पंजाब को हर पक्ष से नुक्सान पहुँचाने वालों का जिक्र हुआ करेगा तो बादल परिवार का नाम सबसे पहले आया करेगा।
धर्मसोत ने कहा कि बादल परिवार के नेतृत्व वाली सरकार ने जहां नौजवानों को नशों के दलदल में धकेल कर राज्य के सुनहरी भविष्य को तार-तार करने की कोशिश की, वहीं बादल परिवार ने पंजाब के कुदरती संसाधनों और प्रत्येक कारोबार को लूटा। उन्होंने कहा कि जब-जब भी पंजाब और पंजाबियों पर मुसीबत आई तो बादल परिवार ने मौकाप्रस्ती का प्रदर्शन करते हुए अपने निजी हितों को बचाने को पहल दी परन्तु कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हमेशा राज्य और लोगों के हितों को ही सुरक्षित किया। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा पिछले डेढ़ साल के दौरान किए गए कामों का लेखा-जोखा भी भारी जलसे के आगे रखा।
-बेअदबी के दोषियों को निश्चत तौर पर जेलों में भेजा जायेगा
बैठक को संबोधन करते हुए लोकसभा मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी और बरगाड़ी घटना के दोषियों को पंजाब सरकार द्वारा निश्चत तौर पर जेल में भेजा जायेगा। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि कैप्टन सरकार द्वारा इस मामले की पैरवी बहुत ही बहादुरी और गंभीरता से की जा रही है।
इस पर लखबीर सिंह लक्खा, पूर्व मंत्री मलकीत सिंह दाखा, सीनियर कांग्रेसी नेता मेजर सिंह भैनी, जिला कांग्रेस (देहाती) प्रधान गुरदेव सिंह लांपरा, कृष्ण कुमार बावा, करन वडि़ंग और मनजीत सिंह भरोवाल ने भी संबोधन किया। इस अवसर पर विधायक संजय तलवाड़, नगर निगम लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू, जिला कांग्रेस (शहरी) प्रधान गुरप्रीत सिंह गोगी, पंजाब कांग्रेस के जनरल सचिव अमरजीत सिंह टीक्का, परमजीत सिंह घवद्दी, ईश्वरजोत सिंह चीमा, गुरदीप सिंह सरपंच, हरजिन्दर सिंह ढींढसा आदि बड़ी संख्या में वर्कर उपस्थित थे।