वार्ड नंबर 46 और 47 में सरकारी जमीन पर कब्जाधारियों की करवाई जाए उच्च स्तरीय जांच: किशोरी, देवराज

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वार्ड नंबर 46 में सरकारी जमीन पर कब्जा हटाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां जमीन पर काबिज पक्ष का कहना है कि उन्होंने जमीन पटेदार से ली थी वहीं दूसरे पक्ष के अनुसार यह सरकारी जमीन है और इस पर नाजायज कब्जा किया गया है। इस संबंधी जमीन पर काबिज पक्ष किशोरी लाल एवं देवराज ने पत्रकारवार्ता में कहा कि उनके पास जमीन पर काबिज होने संबंधी लिखित पड़ी हुई है और जिस परिवार को यह जमीन पटे पर मिली थी उनका नाम फर्द में भी दर्ज है।

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अधिक जानकारी देते हुए किशोरी लाल एवं देवराज ने बताया कि भारत पाकिस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए नानक चंद पुत्र गुरदित्ता को सरकार द्वारा जमीन पटे पर दी गई थी, जोकि 66 कनाल 17 मरले थी। इसमें से जमीन का काफी हिस्सा चो में आ गया था। उन्होंने बताया कि नानक चंद चार भाई थे तथा नानक के आगे पीछे कोई नहीं था, क्योंकि उनका विवाह नहीं हुआ था। उसकी मृत्यु के बाद यह जमीन उनके तीन भाईयों पूर्ण चंद, गुरबचन एवं चन्नण राम के हिस्से आई। मगर उन्होंने यह पटा अपने नाम नहीं करवाया था। करीब 70 साल से यह जमीन उनके पास है और वे बाकायदा तौर पर इसका लगान भी भरा करते थे। इस उपरांत तीनों भाईयों ने जमीन का कब्जा कई लोगों को दिया। देवराज ने बताया कि चन्नण राम ने लगभग 20 साल पहले अपने हिस्से के करीब 20 मरले का कब्जा उन्हें दिया था।

किशोरी लाल एवं देवराज ने बताया कि भाजपा से संबंधित एक पार्षद द्वारा जो उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं वे नराधार हैं क्योंकि भाजपा पार्षद ने खुद 2017 में चन्नण राम के भाई पूर्ण की बहु के मध्यम से उनके हिस्से में आती जमीन का कब्जा किसी को दिलाया था। इतना ही नहीं भाजपा पार्षद ने खुद सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। जिसकी जांच की जानी बहुत जरुरी है। किशोरी लाल एवं देवराज ने बताया कि उन्होंने इस संबंधी जिलाधीश को एक शिकायतपत्र देकर भाजपा पार्षद के साथ-साथ उनके कुछ साथियों एवं रिश्तेदारों द्वारा कब्जा किए जाने संबंधी जानकारी देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

उन्होंने बताया कि भाजपा से संबंधित यह पार्षद पहले उनसे यह जमीन मांग रहा था और जब उन्होंने देने से मना कर दिया तो वे उन्हें तंग परेशान करने लगा। इतना ही नहीं जमीन न देने की एवज में उसने रुपयों की मांग भी की थी। जिसके लिए भी उन्होंने मना कर दिया था। मगर राजनीतिक पहुंच के चलते वह पार्षद अब उन्हें मानसिक तौर पर तंग परेशान कर रहा है। इसलिए उन्होंने जिलाधीश से मांग की है कि वार्ड नंबर 46 और 47 में कब्जाधारियों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए ताकि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ है उनके नाम सबके सामने आ सकें। अगर इस संबंधी जिला प्रशासन द्वारा अगर निष्पक्ष जांच नहीं की गई तो जल्द ही कैबिनेट मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा से भेंट करके इंसाफ की मांग की जाएगी।

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