अदालत को गुमराह करने के आरोप में डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश: हरप्रीत सूदन

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार के मिशन तंदुरुस्त पंजाब के अंतर्गत मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट-कम एडजुडीकेटिंग अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन ने बठिंडा के एक डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ साजिश के अंतर्गत झूठी बयानबाजी कर गुमराह करने की कोशिश के आरोप में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया हैं। उक्त डीलर के खिलाफ थाना सदर पुलिस ने आई.पी.सी. की धारा 191, 181 व 419 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है।

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– साजिश के अंतर्गत झूठी बयानबाजी करने पर अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट-कम एडजुडीकेटिंग अधिकारी ने की सख्त कार्रवाई

अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर(सामान्य) सूदन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से खाद्य पदार्थ बेचने वाली दुकानों का औचक निरीक्षण कर सैंपल भरे जाते है जो कि जांच के लिए फूड लेबोरेट्री खरड़ में भेजे दिए जाते हैं। फेल पाए गए सैंपलों संबंधी शिकायत अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट की अदालत में दायर की जाती है, क्योंकि फूड सेफ्टी एक्ट-2006 के अंतर्गत ए.डी.सी.(सामान्य) को एडजुडीकेटिंग अधिकारी नोटिफाई किया हुआ है। उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को अदालती समय के दौरान एक मामले में अशोक कुमार निवासी मेन मार्किट तलवाड़ा उपस्थित हुए जिनका स्वास्थ्य विभाग की ओर से देसी घी का सैंपल भरा गया था और जांच में सैंपल फेल पाया गया। अशोक कुमार के साथ राकेश कुमार मौड़ मंडी, जिला बठिंडा व श्री उमेश कुमार उपस्थित हुए।

– मिलावटखोरों को तीन माह में किया 7 लाख 90 हजार का जुर्माना

इस मामले की सुनवाई के दौरान राकेश कुमार ने अपने आप को सैंपल में फेल पाए गए देसी घी जो कि बाला जी इंडस्ट्रीज, हिसार(हरियाणा) के पते का बना हुआ है, का डिस्ट्रीब्यूटर व उमेश कुमार को इस फर्म का मालिक बताया। परंतु क्रास वैरीफाई करने पर उमेश कुमार ने माना कि वह न ही इस फर्म का मालिक है और न ही हिसार का रहने वाला है। उमेश कुमार का आई.डी प्रूफ देखा गया तो वह निवासी मोहल्ला दर्जियां मुकेरियां का निकला, जिससे रची सारी साजिश की सच्चाई अदालत के सामने आ गई।

उमेश ने बताया कि राकेश कुमार ने उसे अदालत में बतौर मालिक पेश होकर यह सब कहने के लिए कहा गया था। इससे साफ जाहिर होता है कि राकेश कुमार की ओर से अदालत को एक सोची समझी साजिश के अंतर्गत झूठी बयानबाजी कर गुमराह करने की कोशिश की गई व एडमिनिस्ट्रेशन आफ जस्टिस में विघ्न डाला गया। इस लिए मामले की गंभीरता को देखते हुए एडजुडीकेटिंग अधिकारी की ओर से राकेश कुमार को दोषी माना गया और उसके खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया, जिस पर फूड सेफ्टी अधिकारी श्री रमन विरदी के बयानों पर थाना सदर ने उक्त आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट हरप्रीत सिंह सूद ने बताया कि मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए फूड सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत नवंबर 2019 से जनवरी 2020 तक तीन महीनों में उनकी कोर्ट में 57 केस मिलावटखोरी के केस सामने आए जिनमें से 55 पर निर्णय लिया गया और इनको 7 लाख 90 हजार रु पए का जुर्माना लगाया है।

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