हिरणयाक्ष व हिरणकश्यप दोनों ही मानव रूपी जीव के अंदर विद्यमान हैं: आचार्य सुशील

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्याम ज्योतिषाचार्य की अगुवाई में ऊना रोड स्थित बीरबल नगर गली नंबर 3 में भूतगिरी शिव मंदिर विकास समिति, उड़ान फाऊंडेशन तथा गायत्री गऊ सेवा समिति के सहयोग से श्री महाविष्णु पुराण कथा ज्ञान यज्ञ कथा व्यास आचार्य सुशील जी महाराज श्री धाम वृन्दावन वालों ने महाविष्णु पुराण का महात्म बताया। उन्होंने सृष्टि की रचना और भगवान द्वारा मानव के कल्याण के लिए अवतार की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि शुभ कर्म करने में मानव को ही नहीं बल्कि जब भगवान धरती पर अवर्तित होते है तो भगवान को भी कठिनाई का सामना करना पड़ा है।

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उन्होंने कहा कि जब भगवान वारह रूप धारण कर धरती पर आए तो हिरण याक्ष ने उनका मार्ग रोका। हिरण कश्यप का अर्थ है लोभ उन्होंने बताया कि हिरणयाक्ष व हिरणकश्यप दोनों ही मानव रूपी जीव के अंदर विद्यमान है क्योंकि आज के समय में ऐसा कोई जीव नहीं जिसे अभिमान और लोभ न हो। उन्होंने बताया कि महाविष्णु पुराण के अनुसार जगत तथा परमब्रह्मा में शरीर- शरीरी भाव रूप संबंध है। जिस प्रकार शरीर आत्मा के बिना विनिष्ट हो जाता है उसी प्रकार यह जगत भी परमात्मा के बिना विनिष्ट हो जाएगा। श्री वाल्मीकि रामायण एवं विष्णु पुराण दोनों ही भगवान विष्णु को ही जगत की आत्मा बताते है। इस अवसर पर कुलदीप शर्मा, श्याम मुखरजी, अश्विनी कालिया, तरसेम महाजन, शादी लाल, संजीव वर्मा, एच.सी.पुरी, ब्रह्म शंकर जिम्पा, सतीश पुरी, डा. देश राज, अशोक सूद हैप्पी, दिलबाग सिद्धू, सुरिंदर मित्तल, करनैल सिंह, राम मूर्ति, संजय, गगन, रविंदर, सुधीर, सुशील, नीरू, वीना, कांता सहित भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा सुनी।

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