होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब में सत्तासीन कांग्रेस सरकार में इस समय अराजकता फैली हुई है।कैप्टन सरकार के मंत्री और अफसरशाही अपने निजी स्वार्थों के लिए आमने-सामने हो रखे है। जिससे कोरोना संकट की मार झेल रहे पंजाबवासी कैप्टन सरकार से दोहरे दु:खी है।
उक्त विचार पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने कैप्टन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां एक और मोदी सरकार द्वारा भेजा गया राहत फंड पंजाब में सही तरीके से लागू नही करवा सकी और न ही कोरोना को रोकने के लिए कारगार कदम उठाए गए। पंजाब के खजाने को पंजाब सरकार के मंत्री और अफसरशाही ने अंदर ही अंदर खोखला कर दिया है। इन बातों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री कैप्टन की पकड़ कम हो चुकी है। उससे भी बड़ी हैरानी की बात यह है कि मंत्रियों और कांग्रेसी विधायकों ने मुख्यसचिव पर बड़े संगीन आरोप लगाए है। कैप्टन सरकार में हर कोई अपनी खिचड़ी अलग पका रहा है, कोई भी मंत्री आपस में एकमत नही है। फिर चाहे वो सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा मंत्रियों की काबलियत पर प्रश्नचिन्ह लगाने की बात हो फिर चाहे एक मंत्री द्वारा दूसरे मंत्री को धमका कर मुख्य सचिव के खिलाफ चलने से रोकना आदि ऐसे विषय है,जो पिछली सरकारों में भी नही देखने को मिले। अपनी सरकार की ऐसी दशा पर कैप्टन अमरिंदर सिंह चुप क्यों बैठे है,ऊपर से मंत्रियों ने एक्साइज पॉलिसी को अंतिम रूप देने वाले सारे अधिकार मुख्यमंत्री को दे दिए। श्री सूद ने कहा कि एक्साइज विभाग में हो रहा घाटा,एक्साइज पॉलिसी लागू करने में बेवजह देरी करना,शराब की नीलामी में मंत्रियों और अफसरशाही द्वारा अपने हितों को पहले रखना आदि ऐसी समस्याएं है जिससे सरकार बुरी तरह फेल हो चुकी है और कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी कमांड भी खो चुके है। श्री सूद ने पंजाब के राज्यपाल से निवदेन करते हुए तुरन्त कैप्टन सरकार को भंग करने की मांग की है तथा एक्साइज विभाग में हुई घपलों व घाटे की सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही है।