सत्ता और सरकारों का सुख नहीं किसानों व पंजाब के हित के लिए लड़ाई लड़ता है अकाली दल: सुखबीर सिंह बादल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: संदीप डोगरा/गुरजीत सोनू/जतिंदर प्रिंस। किसानों के हकों के लिए संघर्ष तहत 1 अक्तूबर तक प्रदेश स्तरीय किसान मार्च संबंधी विचार-विमर्श के लिए पंजाब भर में शिरोमणि अकाली दल पार्टी की तरफ से बैठकें की जाएंगी। जिसमें सभी नेता व वर्कर भारी उत्साह के साथ हिस्सा ले रहे है। इसी कड़ी के तहत होशियारपुर के पुरहीरां में अकाली दल की तरफ से एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने विशेष तौर पर पहुंचकर जहां समूह आई हुई सभी लीडरशिप का इस बैठक में पहुंचने के लिए धन्यवाद कियास वहीं उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब की राजनीति में नया मोड़ आया है। शिरोमणि अकाली दल वह ऐतिहासिक पार्टी है जो अपने असूलों पर खड़ी है। हमारे लिए कोई सरकार का हिस्सा या गठजोड़ तब तक है जब तक कोई हमारे असूलों के हिसाब से चलता है।

Advertisements

कहा, गठजोड़ के असूलों को केन्द्र ने तार-तार किया तो हमने त्यागपत्र दिया, क्योंकि असूलों से बढक़र कुछ नहीं होगा

केन्द्र द्वारा जो किसान विरोधी आर्डीनैंस लाए गए है उनका अकाली दल विरोध करता रहा है। भले ही कोई कह रहा है कि पहले अकाली दल कुछ और कह रहा था और अब कुछ और, ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अकाली दल पहले जो कह रहा था अब भी वहीं कह रहा है कि उसे किसान प्यारे हैं, सत्ता या गठजोड़ नहीं। सुखबीर बादल ने कहा कि उन्होंने संसद में कहा था कि जब प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में विभिन्न पार्टियों का गठजोड़ था तो उस समय गठजोड़ के असूल निभाए जाते थे तथा वो जो भी फैसला लेते सभी की सहमति से लिया जाता था। जितनी भी पार्टियां थी वो इकट्ठी होकर फैसला करती। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ही ऐसी एक पार्टी है जोकि किसानों के हित्तों की रक्षा के लिए हर समय उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आगे भी खड़़ी रहेगी। क्योंकि, अकाली दल के 95 प्रतिशत लीडर व 99 प्रतिशत वर्कर किसानी के साथ जुड़े हुए हंै।

इसी के चलते प्रकाश सिंह बादल पांच बार मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि पंजाब में 85 से 90 प्रतिशत मंडिया अकाली दल की सरकार के रहते बनी और इस समय 1900 मंडिया हैं। जितने भी लिंक मार्गों का काम शुरू हुआ वे प्रकाश सिंह बादल ने किया और जितनी भी नहरंे निकाली गई वह भी फैसले प्रकाश सिंह बादल के थे। हमारे पंजाब के किसान फसलों को बच्चों की तरह पालते हैं तथा किसानों की सिंचाई की समस्या को देखते हुए बादल साहिब ने 14 लाख ट्यूबवैल दिए। भले ही बारिश कम हुई हो, मगर फिर भी पंजाब में फसल कम नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि संसद में बंगाल, नागालैंड व महाराष्ट्र आदि के जो एमपी बैठे हैं, जब वे घर जाकर रोटी खाते हैं तो वो रोटी किसान की मेहनत की बदौलत ही खाते हैं।


होशियारपुर में अकाली दल की बैठक को अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने किया संबोधित और किसानों के लिए हर स्तर पर संघर्ष किए जाने की कही बात

कम से कम अकाली दल बादल के साथ तो केन्द्र को बात करनी चाहिए थी। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उन्होंने शुरु से ही इन बिलों का विरोध किया और संसद में उस समय हरसिमरत कौर बादल भी बैठे हुए थे तथा उस दौरान अगर इस बिल का विरोध किया तो सिर्फ हरसिमरत कौर बादल ने किया था। क्योंकिस हम एनडीए का हिस्सा थे, प्रधानमंत्री व कैबिनेट ने कहा कि दो माह के बाद एक्ट आएंगे तथा तब जो भी चीजें आप चाहते हैं एक्ट में डाल दी जाएंगी। इसी को लेकर उन्होंने किसानों के साथ बैठकें की। किसान यूनियन दिल्ली के साथ लगातार बैठकें हुई ताकि जो भी एक्ट बने सही बने। इसके लिए गांवों में जाकर बैठकें की। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जब किसानों ने उन्हें कहा कि एक्ट में कहा जा रहा है कि एमएसपी बंद हो सकती है पर मंडीकरण बंद नहीं होगा। इस पर उन्होंने कहा था कि इसकी क्या गारंटी है। इस पर केन्द्र ने कहा था कि वे इस संबंधी पत्र लिखकर दें, इन बातों को ठीक किया जाएगा। पत्र दिए जाने से क्या होगा, क्या इससे एक्ट में संशोधन हो जाएगा। श्री बादल ने कहा कि उन्होंने कहा था कि एक्ट को संसद में लाने से पहले कमेटी के पास भेजा जाए ताकि जो भी कमियां हों दूर की जाएं ताकि किसान के हकों की रक्षा हो सके। जब केन्द्र ने उनकी बात नहीं सुनी तो अपने असूलों एवं आदर्शों पर चलते हुए हमने त्यागपत्र दे दिया। अकाली दल ने सरदार बादल के नेतृत्व में सदैव किसान एवं पंजाब के हितों के लिए लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अकाली दल को लेकर कांग्रेस एवं आप द्वारा जो भ्रम फैलाए जा रहे हैं, वे लोग अकाली दल का इतिहास नहीं जानते तथा यह भी नहीं जानते कि अकाली दल को पंजाब प्यारा है सत्ता या कोई सरकार नहीं। उन्होंने कहा कि अकाली दल में हम सब एक हैं तथा किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। जो किसानों और पंजाब की वफादार पार्टी है वो घर नहीं बैठेगी तथा अकाली दल की तरफ से की जाने वाले मार्च इतने विशाल होने चाहिए कि अगर वे मोहाली हों तो आखिरी गाड़ी जालंधर में होनी चाहिए ताकि दिल्ली को पता चल जाए कि पंजाब में यह एक्ट लागू नहीं होने दिया जाएगा। इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल बादल जिला (शहरी) प्रधान जतिंदर सिंह लाली बाजवा, जिला प्रधान (ग्रामीण) सुरिंदर सिंह भुल्लेवालराठां, सोहन सिंह ठंडल, पूर्व मंत्री बीबी महिंदर कौर जोश आदि गणमान्य मौजूद थे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here