स्वावलंबन योजना के केसों पर निश्चित समय में निर्णय लें बैंकः जिलाधीश

ऊना (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के स्वीकृत मामलों पर बैंक एक निश्चित समय सीमा के भीतर निर्णय लें। यह बात उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने डीआरडीए हॉल में आज आयोजित एक समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समिति से अनुमोदित मामलों को बैंक ऋण देने में अनावश्यक देरी न करें तथा उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं।बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि इस वर्ष बैंकों को योजना के अंतर्गत 154 ऋण केस प्रेषित किए गए हैं, जिसमें से 93 मामले स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि 32 अभी भी विभिन्न बैंकों के पास लम्बित पड़े हैं। राघव शर्मा ने सभी लम्बित मामलों को शीघ्र निपटाकर सूचना उद्योग विभाग को प्रेषित करने के निर्देश देते हुए कहा कि वर्तमान में लगभग 71 स्वीकृत ऋण प्रकरणों के अनुदान वितरण के कलेम भी बैंकों के पास लम्बित हैं।

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उन्होंने निर्देश दिए कि बैंक सभी अनुदान प्रकरणों को उद्योग विभाग को प्रेषित करें, जिससे कि अनुदान राशि समय पर लाभार्थी के खाते में डाली जा सके।उपायुक्त ने निजी बैंकों द्वारा इस योजना के अंतर्गत कोई भी ऋण स्वीकृत नहीं करने पर चिंता जाहिर की तथा निर्देश दिए कि निजी बैंक अपने स्तर पर इस योजना के अंतर्गत ऋण प्रकरण चिन्हित कर उद्योग विभाग को प्रेषित करें। राघव शर्मा ने उद्योग विभाग को निर्देश दिए कि वह नेहरू युवा केन्द्र के युवा समन्वयकों के माध्यम से पंचायतों में इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक युवा इस योजना का लाभ उठा सकें।

उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि योजना के तहत कोई भी हिमाचली युवक अथवा युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो, 60 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत वाली इकाइयां स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्लांट और मशीनरी पर 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 25 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।बैठक में जीएम डीआईसी अंशुल धीमान, एनवाईके के जिला समन्वयक डॉ. लाल सिंह सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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