सरकारी नौकरियों की भर्ती में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित चार प्रतिशत कोटा यकीनी बनाया जाएगा: कैबिनेट मंत्री

चंडीगढ़,(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने आज विभिन्न क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियाँ प्राप्त करने वाले दिव्यांगजनों और विशेष ज़रूरतों वाले व्यक्तियों के कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं को स्टेट अवॉर्ड 2020-21 से सम्मानित किया। पंजाब भवन में आयोजित किए गए राज्य स्तरीय समागम के दौरान कुल 11 शख्सियतों और संस्थाओं का स्टेट अवॉर्ड से सम्मान किया, जिनमें हरपिन्दर कौर, लैक्चरर पवन कुमार और पूजा शर्मा को मुलाजि़म वर्ग, राजवीर कौर और मनदीप सिंह को स्व-रोजग़ार वर्ग और संस्थाओं में अम्बूजा मनोविकास केंद्र (अम्बूजा सीमेंट फाउंडेशन प्रोजैक्ट) रूपनगर और स्पीकिंग हैंड्स वैलफेयर फाउंडेशन पटियाला को सर्वोत्त्म संस्था वर्ग, हरिन्दर पाल सिंह और इंडियन रैड क्रास सोसायटी रूपनगर को व्यक्तिगत वर्ग, जबकि सुमित सोनी बठिंडा और मिस रेनू रानी पटियाला को खिलाड़ी वर्ग में स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

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समागम को संबोधन करते हुए श्रीमती चौधरी ने दिव्यांगजनों के कल्याण के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए ऐलान किया कि आगामी वर्ष के दौरान भरी जाने वाली एक लाख सरकारी नौकरियों की भर्ती में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित 4 प्रतिशत कोटा भरना यकीनी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नौकरियों में भर्ती के समय दिव्यांगजनों के बैकलॉग के पद भरने के लिए सरकार द्वारा समूह सरकारी विभागों के रोस्टर रजिस्टर कैंप लगाकर चैक करवाए गए हैं और हर विभाग में बनता बैकलॉग निकाला गया है। कैबिनेट मंत्री ने विशेष तौर पर बताया कि जो दिव्यांगजन टाइपिंग नहीं कर सकते, उनको टाइपिंग टैस्ट से छूट है और जो व्यक्ति टाईप कर सकते हों, उनको टाइपिंग टैस्ट में हरेक 10 मिनट के पीछे 3 मिनट 20 सेकेंड का अतिरिक्त समय देने की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ही राज्य में दिव्यांगजनों को सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती और तरक्कियों में आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया है, दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए ‘पंजाब दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना’ लागू की जा चुकी है और 18 साल की उम्र तक के दिव्यांग विद्यार्थियों को मुफ़्त शिक्षा मुहैया करवाई जा रही है।

चौधरी ने बताया कि हर सरकारी विभाग में दिव्यांगजनों की मुश्किलों और शिकायतों के निपटारे के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को वित्तीय सहायता स्कीम के अधीन मिलने वाली वित्तीय सहायता की राशि पंजाब सरकार द्वारा 750 से बढ़ाकर 1500 प्रति महीना कर दी गई है।  मंत्री ने कहा कि पंजाब में कुल 6.5 लाख दिव्यांगजन हैं, जो कुल आबादी का 2.13 प्रतिशत बनता है। इन सबके विलक्षण पहचान पत्र (यू.डी.आई.डी.) बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में यू.डी.आई.डी. (विलक्षण विकलांगता पहचान) कार्ड बनाने के लिए अब तक 3,33,994 दिव्यांगजनों के लिए रजिस्ट्रेेशन करवाए हैं और 1,95,295 व्यक्तियों को यू.डी.आई.डी कार्ड मुहैया करवाए जा चुके हैं।

उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाने में पंजाब देश भर में से 11वें स्थान से 7वें नंबर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हर सरकारी और सार्वजनिक इमारत को दिव्यांगजनों के सुखद पहुँच के अनुकूल बनाने सम्बन्धी कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। इसी तरह राज्य में चल रहे मानसिक रोगियों के लिए एम.आर. होम्ज़ की अपग्रेडेशन की जा रही है।  समागम के दौरान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव राज़ी पी. श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव विम्मी भुल्लर, अतिरिक्त डायरैक्टर लिली चौधरी, डिप्टी डायरैक्टर गुरजिन्दर सिंह मोड़ और डिप्टी डायरैक्टर रुपिन्दर कौर उपस्थित थे।

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