चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर और लॉकडाउन की सख़्त बन्दिशों के बावजूद पंजाब के कारोबारी भाईचारे ने रिटर्न भरने की शर्तों का पालन करने के साथ-साथ जून 2021 दौरान अपने जी.एस.टी. बकाए की अदायगी समय पर करके शानदार स्थिरता और सामर्थ्य दिखाया है। इसके परिणामस्वरूप जून महीने जी.एस.टी. से 1087 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित हुआ जबकि पिछले साल जून 2020 में 869.66 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित हुआ था।कर विभाग के प्रवक्ता ने इस संबंधी खुलासा करते हुए बताया कि जी.एस.टी. से जून 2020 के मुकाबले जून 2021 में 25.06 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह जून 2021 (2021-22 की पहली तिमाही) तक का जी.एस.टी. राजस्व पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 123.48 प्रतिशत अधिक रहा।
प्रवक्ता ने कहा कि कर अदा करने वालों पर शर्तों के बोझ को घटाने के लिए क्यू.आर.एम.पी. जैसे उपाय लागू करने, जाली बिलिंग पर कड़ी निगरानी रखने, विभिन्न स्रोतों के डाटा के प्रयोग से उन्नत डाटा विश्लेषण, प्रभावशाली कर प्रशासन जैसे उपायों ने भी कर से प्राप्त होते राजस्व को बढ़ाने में योगदान दिया है।प्रवक्ता के अनुसार जून 2021 दौरान वैट और सी.एस.टी. से क्रमवार 699.27 करोड़ और 20.96 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ जिसमें जून, 2020 में प्राप्त राजस्व के मुकाबले क्रमवार 42.37 प्रतिशत और 104.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि जून 2021 (2021-22 की पहली तिमाही) तक वैट और सी.एस.टी. से पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले क्रमवार 106.73 प्रतिशत और 178.56 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।गौरतलब है कि पंजाब के कर विभाग द्वारा पंजाब राज्य विकास कर (पी.एस.डी.टी) भी लगाया गया है। हालाँकि जून 2020 के मुकाबले जून 2021 के महीने दौरान पंजाब राज्य विकास कर की वसूली में 0.7 प्रतिशत की मामूली कमी आई है परन्तु जून, 2021 (2021-22 की पहली तिमाही) तक पंजाब राज्य विकास कर की वसूली में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।ज़िक्रयोग्य है कि 30 जून, 2021 तक भारत सरकार की तरफ पंजाब का जी.एस.टी. मुआवज़ा बढ़कर 8495 करोड़ रुपए हो गया है।