रैली निकाल लोगों को नशा न करने के लिए किया प्रेरित

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। फगवाड़ा रोड होशियारपुर के गाँव तनूली, जिला होशियारपुर में श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई रौशनी- (अल्पसंख्यक महिलायों में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत 6 दिवसीय मुफ्त प्रशिक्षण शिविर के आखरी दिन सुबह नो वजे आरम्भ हुआ | जिसमे प्रवक्ता पूजा शर्मा ने सुबह के सतर में नशे के खिलाफ रैली निकाली गई जिसमें गाव के लोगों को नशा नहीँ करने के लिए प्रेरित किया गया| 
रैली में घर घर जा कर नशे के खिलाफ जागरूक किया गया और नशे के खिलाफ इश्तिहार भी बांटे गये I नशे से होने वाले नुक्सान के विषय पर पुरे विवरण के साथ प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी एवम ज्ञान प्रदानं किया | 11 बजे प्रतिभागियों को चाय वितरित कि गई और दोपहर को प्रतिभागियों को भोजन करवाया गया I भोजन के बाद में दुसरे सतर में प्रवक्ता पूजा शर्मा ने महिलाओं और लड़कियों को स्वच्छ भारत के विषय में पूरी जानकारी दी गई I इस प्रशिक्षण शिविर के प्रोजेक्ट इंचार्ज श्रीमती पूजा शर्मा ने बताया कि मादक पदार्थों के नशे की लत आज के युवाओं में तेज़ीसे फ़ैल रही है। कई बार फैशन की खातिर दोस्तों के उकसावे पर लिए गए ये मादक पदार्थ अक्सर जानलेवा होते हैं। कुछ बच्चे तो फेविकोल, तरल इरेज़र, पेट्रोल कि गंध और स्वाद से आकर्षित होते हैं और कई बार कम उम्र के बच्चे आयोडेक्स, वोलिनी जैसी दवाओं को सूंघकर इसका आनंद उठाते हैं। कुछ मामलों में इन्हें ब्रेड पर लगाकर खाने के भी उदहारण देखे गए हैं। 
मजाक-मजाक और जिज्ञासावश किये गए ये प्रयोग कब कोरेक्स, कोदेन, ऐल्प्राजोलम, अल्प्राक्स, कैनेबिस जैसे दवाओं को भी घेरे में ले लेते हैं, पता ही नहीं चलता। फिर स्कूल-कॉलेजों या पास-पड़ोस में गलत संगति के दोस्तों के साथ ही गुटखा, सिगरेट, शराब, गांजा, भांग, अफीम और धूम्रपान सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं के सेवन की ओर अपने आप कदम बढ़ जाते हैं। पहले उन्हें मादक पदार्थ फ्री में उपलब्ध कराकर इसका लती बनाया जाता है और फिर लती बनने पर वे इसके लिए चोरी से लेकर अपराध तक करने को तैयार हो जाते है। .नशे के लिए उपयोग में लाई जानी वाली सुइयाँ एच.आई.वी. का कारण भी बनती हैं, जो अंतत: एड्स का रूप धारण कर लेती है। कई बार तो बच्चे घर के ही सदस्यों से नशे की आदत सीखते हैं। उन्हें लगता है कि जो बड़े कर रहे हैं, वह ठीक है और फिर वे भी घर में ही चोरी आरंभ कर देते हैं। 
चिकित्सकीय आधार पर देखें तो अफीम, हेरोइन, चरस, कोकीन, तथा स्मैक जैसे मादक पदार्थों से व्यक्ति वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है एवं पागल तथा सुप्तावस्था में हो जाता है। ये ऐसे उत्तेजना लाने वाले पदार्थ हैं, जिनकी लत के प्रभाव में व्यक्ति अपराध तक कर बैठता है। मामला सिर्फ स्वास्थ्य से नहीं अपितु अपराध से भी जुड़ा हुआ है। कहा भी गया है कि जीवन अनमोल है। नशे के सेवन से यह अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। 

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