जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। ज़िले में धान की पराली को आग लाने के रुझान को रोकने के लिए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने आज किसानों को पराली जलाने के तरीकें का सहारा न लेने की अपील करते हुए कहा कि आग कारण होने वाला धुआँ आम लोगों विशेषकर कोविड -19 के साथ जूझ रहे मरीज़ों की मुश्किले बढा सकता है। सम्बन्धित विभागों के आधिकारियों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने आई -खेत मोबाइल एप को इंकलाबी कदम बताते हुए कहा कि, जहाँ किसान ब्लाक स्तर पर मशीनरी की उपलब्धता चैक कर सकते थे। उन्होंने बताया कि जिले में सुपर सिडर, मलचर, आर.एम.बी. पलोय, हैपी सीडर, सुपर ऐस.ऐम.ऐस. सहित 3858 मशीनें उपलब्ध है, जिन को आई -खेत एप के द्वारा देखा जा सकता है। डिप्टी कमिश्नर ने कुल 118 सहकारी सभाओं, किसान समूहों और पंचायतों को नयी मशीनों की खरीद करने के लिए मंजूरी भी जारी की और कस्टमर हायरिंग सैंटरों को छोटे और सीमांत किसानों से फसलों की अवशेषों की प्रबंधन के लिए उनके लिए गई मशीनरी का किराया न लेने के आदेश भी दिए।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में पराली जलाने के रुझान की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान से ले कर दोषियों विरुद्ध कार्यवाही तक बहुपक्षीय रणनीति अपनाई जाएगी और ऐसीं घटनाओं पर सख़्त नज़र रखने के लिए एक व्यापक योजना पहले से ही तैयार की जा चुकी है। उन्होंने आगे आधिकारियों को हर मामले में फिजिकल वैरीफिकेशन को यकीनी बनाते हुए खेतों में आग लगने की घटनाओं नपर सख़्त नज़र रखने के लिए कहा। श्री थोरी ने कहा कि रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के द्वारा सख़्त चौकसी भी रखी जा रही है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि कोई भी दोषी व्यक्ति कार्यवाही से बच न सके। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट के द्वारा उस जगह का पता लगाया जायेगा जहाँ धान की पराली को जलाया गया है, जिसके बाद प्रसासन की तरफ से इसमें शामिल व्यक्ति विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन एस.डी.एमज़ को सभी कम्बाईनों सुपर ऐस.ऐम.ऐस. तकनीक के साथ लैस होने को यकीनी बनाने के आदेश दिए और कहा कि इन निर्देशों की पालना न करने वालों विरुद्ध कार्यवाही की जाये। इस अवसर पर सहायक कमिश्नर हरदीप सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिन्दर सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं जगजीत सिंह, डी.डी.पी.ओ. इकबालजीत सिंह और ज़िला प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे।