भाजपा को कोसने की बजाय नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें मुख्यमंत्री:भाजयुमो

7 - Copy (2)-कहा, अनैतिकता एवं भ्रष्टाचार बन चुकी है प्रदेश कांग्रेस सरकार की पहचान
हमीरपुर, (वरिष्ठ पत्रकार रजनीश शर्मा): पिछले लगभग तीन वर्षोंे से सत्तारूढ़ प्रदेश कांग्रेस सरकार जनहित एवं चुनावी वायदों को छोडक़र केवल भ्रष्टाचार एवं अनैतिकता की परंपरा को संरक्षित कर रही है, मानो अनैतिकता एवं भ्रष्टाचार ही प्रदेश कांग्रेस सरकार की पहचान बन चुकी हो। यह बात भाजयुमो राष्ट्रीय सचिव नरेंद्र अत्री ने प्रैसे विज्ञप्ति के माध्यम से कही। राष्ट्रीय सचिव नरेंद्र अत्री ने हैरानी जताते हुए कहा कि न तो प्रदेश कांग्रेस सरकार पिछले तीन वर्ष की अपनी उपलब्धियों को आम जनमानस के समक्ष रख पा रही है और न ही प्रदेश के मुख्यमंत्री आय से अधिक संपत्ति के मामले में तथ्यों पर आधारित बात जनमानस के पास रख पाए हैं। केवल भाजपा नेतृत्व को इसके लिए दोषी ठहराने का असफल प्रयास करते रहे हैं। अत्री ने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अरुण धूमल द्वारा पिछले दो वर्षों में उठाए गए एक भी प्रश्र का उत्तर नहीं दे पाए हैं। जबकि दूसरी ओर मुख्यमंत्री वीरभद्र ने जब-जब भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. धूमल पर प्रश्र किया, प्रो. धूमल ने बकायदा पत्र लिखकर मांग कर चुनौती दी कि उनकी ही क्यों प्रदेश के अब तक रहे सभी मुख्यमंत्रियों की संपत्ति की जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। प्रो. धूमल की इस चुनौती के बाद कांग्रेस नेतृत्व हमेशा इस मुद्दे से टलता नजर आया। नरेंद्र अत्री ने कहा कि यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री निर्दोष हैं, तो उन्हें नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद छोडक़र निष्पक्ष जांच का सामना करना चाहिए, न कि बात-बात पर अपनी गलतियों के लिए भी प्रो. धूमल, जिन्होंने अपने बतौर मुख्यमंत्री दस वर्षों के कार्यकाल में न केवल प्रदेश के विकास को गति दी बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य कर एवं सक्षम नेतृत्व देकर प्रदेश के लिए दर्जनों पुरस्कार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अर्जित किए, को दोषी ठहराना चाहिए।

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