तेरी वंजली ते लग्गी होई हीर रांझणा…

होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़): ताजदारां दे ना अमीरां दे, दीवे जगते सदा फकीरां दे वाक्य के अनुसार जागदे रहो सभ्याचारक मंच होशियारपुर और दि वर्किंग रिपोर्टर्स एसोसिएशन रजि. पंजाब, इंडिया एवं एन.आर.आई. राज कुमार भाटिया, अमेरिका के सहयोग से चेयरमैन तरसेम दीवाना और विनोद कौशल की देखरेख में स्व. चौधरी स्वर्ण चंद बद्धन व माता राम प्यारी की याद को समर्पित वार्षिक सूफियाना मेला दरबार हजरत शेख यमा हबीब उल शाह और बाबा बालक नाथ जी का उत्सव मोहल्ला भगत नगर होशियारपुर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। सूफियाना मेले का उदघाटन सर्व श्री साईं कमल शाह कादरी अमृतसर, अमरपाल सिंह काका प्रधान स. हरबख्श सिंह चैरीटेबल ट्रस्ट होशियारपुर और साईं गीता बद्धन गद्दीनशीन दरबार हजरत शेख यमा हबीब उल शाह ने अपने कर कमलों से किया।

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इस मौके विशेष मेहमान के तौर पर प्रसिद्ध समाज सेवी प्रो. बहादुर सिंह सुनेत, इंजी. जगदीश लाल बद्धन प्रधान शिरोमणी श्री गुरू रविदास चैरीटेबल सभा रजि. पंजाब, विशेष मेहमान के तौर पर संगीत सम्राट मा. ब्रह्मानंद जी, विनोद कुमार मोदी, उप प्रधान श्री गुरू रविदास धर्म युद्ध मोर्चा, शाखा बग्गा, धर्मपाल जिला प्रधान लुधियाना बेगमपुरा टाईगर फोर्स, राकेश कुमार शम्मी उप प्रधान बी.टी.एफ. लुधियाना ने अपने साथियों सहित शिरकत की। इस मौके सूफी संगीत के अजीम फनकार और तूंबी के बादशाह स्व. लाल चंद यमला जट्ट के लाडले शागिर्द उस्ताद सुरिंदरपाल पंछी ने अपने मरहूम गुरू जी को श्रद्धासुमन भेंट करते हुए तेरे नी करारां मैनू पट्टेया, दस मैं की प्यार विचों खट्टेया आदि गीतों से मेले को शिखरों पर पहुंचाया। सोम नाथ दीवाना ने मकबूल सूफी गीत तेरा नी मैं पीर मिलावण आए हां, मेरे यार दा विछोड़ा काहनू पाया तूं वी ते रब्बा यार रखेया आदि गीतो के साथ श्रोतों को मंत्रमुग्ध किया। इसके बाद सूफी गायक गुरमिंदर नागरा ने साईयां वे साईंयां।

सूफी गायक राज रंगीला ने ना जायो परदेस, उथे मां नहीं लभनी, फिर रब्ब तों पहिलां मावां चेते आऊंदीआं ने, सूफी गायका दलविंदर भट्टी ने तेरी वंझली ते लग्गी होई हीर रांझणा, वेहड़े आ वड़ मेरे रांझणा आदि गीतों से श्रोताओं को झूमने लगा दिया। फिर बारी आई मकबूल सूफी गायक मोहन माही ने वसदा रहे दरबार पीर निगाहे वाला, पंकज दुलैहड़ ने साईयां वे मैं तां तेरे रखण दी आं गाकर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। उस्ताद तरसेम दीवाना दे लाडले और होनहार सुपुत्र मा. अजमेर दीवाना की जिसने असीं भगवें रंगा लए माईया टल्ले, इक तेरी दीद बदले व कुल्ली नी फकीर दी विचों अल्ला हू दा अवाजां आवे के साथ अपनी गायकी का पुख्ता सबूत दिया। इस मेले में दर्शकों की भरपूर मांग पर मकबूल सूफी गायक तरसेम दीवाना ने अल्ला मंनिए फक्कर मंनिए, मंनिए किताबां चार का गायन करके अपने फन का लोहा मनवाया।

 

इस मौके सूफी फकीरों और संत लोगों में सर्व श्री साईं कमल शाह कादरी अमृतसर, मौला बाबा, सांई दलीप शाह दकोए वाले, साईं सोढ़ी शाह मेहमोवाल वाले, साईं काले शाह वैद्य जी चग्गरां वाले, साईं पाले शाह प्रेमगढ़ वाले, साईं नंजो शाह धीणा वाले, बीबी हरभजन कौर गद्दीनशीन बोदीयां वाली सरकार, साईं जगजीवन शाह मेहमोवाल आदि ने हाजरी लगवाई। अंत में जागदे रहो सभ्याचार मंच के चेयरमैन तरसेम दीवाना ने पंजाब के कोने कोने से आए संगीत प्रेमियों और सूफी गायकों और फकीर लोगों का धन्यवाद किया। दी वर्किग रिपोर्टर्स एसोसिएशन, पंजाब इंडिया की तरफ से पंजाबभर से आए पत्रकारों और अन्य अहम शख्सीयतों का यादगारी चिन्ह और सरोपे देकर सम्मान किया।

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