धर्म, राष्ट्र और कुल की मर्यादा के लिए रघुवंश के हर सदस्य ने किया त्याग: साध्वी मानस समीक्षा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल की ओर से वार्षिक श्री राम नवमी महोत्सव के अवसर पर श्री राम भवन, चांद नगर, बहादरपुर में करवाई जा रही श्री राम कथा को आगे बढ़ाते हुए प्रयागराज से पधारी साध्वी मानस समीक्षा ने कहा कि इस संसार में रघुवंश जैसा परिवार कहां देखने को मिलेगा, जिसमें धर्म, राष्ट्र और कुल की मर्यादा के लिए एक-एक सदस्य ने त्याग किया। उन्होंने कहा ”रघुकुल रीति सदा चली आई। प्राण जाए पर वचन न जाई।।’ उन्होंने कहाकि एक दिन पहले श्री राम को राजा बनाने की घोषणा करने वाले चक्रवर्ती सम्राट श्री दशरथ जी ने बचन के पालन हेतु श्री राम जी को वनवास भेज दिया, एक ऐसा बेटा जिसको एक दिन पहले पिता ने राजा बनाने की बात कही तो बेटा प्रसन्न नहीं हुआ और उसी बेटे को राज्य न देकर दूसरे दिन वनवास दे दिया तो बेटा खिन्न नहीं हुआ।

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साध्वी ने कहा कि जब पिता की आज्ञा मानकर श्री राम भागवा वस्त्र धारण कर के वन जाने के लिए तैयार हुए तो माता सीता जी आई और बोली मैं भी साथ चलूंगी। दशरथ जी तथा माता कौशल्या जी ने और यहां तक कि राम जी ने भी समझाया कि किशोरी घर रहो तो वे बोली एक प्रश्न का उत्तर आप सब दे दो तो मैं रह जाऊंगी। उन्होंने कहा कि जल के बिना नदी की कीमत है क्या? कौशल्या जी बोली नहीं। फिर माता सीता ने कहा कि प्राण के बिना देह की क्या कीमत है? इस पर दशरथ जी बोले कि कुछ नहीं तो फिर माता सीता बोली कि तो बस फिर स्वामी पति के बिना पत्नी की क्या कीमत है। इसलिए मैं आपकी सेवा में चलूंगी।

जब लक्षमण जी को यह समाचार मिला तो वह भी साथ जाने के लिए तैयार हो गए तो राम जी ने कहा कि मां से आज्ञा लेकर आओ। लक्ष्मण जी ने कहा कि प्रभु, माता, पिता, गुरु सब कुछ मैं आपको मानता हूं फिर भी भगवान के कहने पर मां के चरणों में आज्ञा लेने गए तो मां ने भी यही कहा तुम्हारे माता-पिता मैं और महाराज दशरथ नहीं बल्कि श्री सीता राम जी हैं। उनकी सेवा तन-मन से करना। उधर, देवी उर्मिला से मिलकर लक्ष्मण जी ने भगवान की सेवा में वन जाने का संदेश सुनाया तो देवी उर्मिला ने सीता राम जी की सेवा के लिए अपने त्याग का भी सहयोग जोड़ दिया। इस लिए इस कथा से यह संदेश मिलता है कि परिवार एवं राष्ट्र की एकता अखंडता के लिए हमारे जीवन में प्रेम की प्रतिष्ठापना और त्याग की पराकाष्ठा होनी चाहिए।

इस अवसर पर पंजाब सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, भाजपा नेता यशपाल शर्मा, बिदूंसार शुकला, भाजपा जिला प्रधान निपुण शर्मा, डेरा बाब चरण शाह के महंत रमिंद्र दास, कृष्ण गोपाल आनंद, पं. लक्ष्मी नारायण, प्रधान हरीश चौधरी, गोरेश सैनी, विनय चोपड़ा, जगप्रीत सैनी, साहिल आदि  विशेष रूप से उपस्थित थे।

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