चैतन्य शर्मा ने 325 विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें की भेंट

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): शिक्षा में शक्ति कार्यक्रम के तहत गगरेट विधानसभा के भंजाल वार्ड के जिला पार्षद सदस्य चैतन्य शर्मा विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवा रहे हैं। पुस्तकें एक विद्यार्थी के लिए किसी खजाने से कम नहीं होती है। कई विद्यार्थी स्कूल या कॉलेज में दाखिला तो ले लेते हैं लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम अभिभावक कई बार उन्हें महंगी पुस्तकें खरीद कर देने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे में कहीं ना कहीं उच्च कक्षाओं में इसी कारण होनहार बच्चों का भविष्य दांव पर लगता हुआ नजर आता है। ऐसे ही छात्र छात्रों के लिए शिक्षा में शक्ति कार्यक्रम के तहत पार्षद चैतन्य शर्मा निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवा रहे हैं। चैतन्य शर्मा की संस्था युवा शक्ति पराक्रम के माध्यम से गगरेट विधानसभा के हर गांव के 325 विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें और लगभग 20 हजार के करीब कॉपियां और पैन भेंट की गई। इसी के साथ चैतन्य शर्मा शिक्षा में शक्ति कार्यक्रम के तहत मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। छात्र जिस प्रकाशन और लेखक की पुस्तक मांग रहे हैं उसी हिसाब से पुस्तकें उन्हें उपलब्ध करवाई जाती हैं।

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विद्यार्थियों सिमरन ठाकुर, सुमनलता, हिमांशु शर्मा, खुशबू, पलक अत्री, तन्वी, कृष जसवाल, रेनू वाला, अविनाश, पायल राणा, मोनिका, सोनिका, शिवानी, काजल ने बताया कि चैतन्य शर्मा से उन्होंने पुस्तकें लेने का आग्रह किया था और एक सप्ताह के भीतर ही पुस्तकें उनको दी गई। इसके लिए वे चैतन्य शर्मा का आभार व्यक्त करते हैं। वहीं अभिभावकों रवि, सुमन राणा, संदीप शर्मा, पूर्णचंद, सुनीता देवी, रमेश शर्मा और गुरुदत्त ने बताया कि गगरेट विधानसभा क्षेत्र में कोई आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा हासिल करने से वंचित ना रह जाए इसके लिए चैतन्य शर्मा ने जो सकारात्मक प्रयास किए हैं। उनके लिए उनका धन्यवाद व्यक्त करते हैं।वहीं पार्षद चैतन्य शर्मा ने कहा कि अगर कोई विद्याथी अपने घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा हासिल नहीं कर पाता है तो यह बात समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते देखना चाहते हैं। जो केवल अच्छी और उच्च शिक्षा के माध्यम से ही संभव है। शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि जरूरतमंद बच्चों को आर्थिक सहयोग के साथ अन्य रूप से भी सहयोग किया जाए ताकि कोई विद्यार्थी शिक्षा से वंचित ना रह सके इसके लिए वह अपने संसाधनों का प्रयोग करके होनहार बच्चों को पुस्तकें शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवा रहे है।

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