चंडीगढ़ ( द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पिछली सरकारों की अस्पष्ट नीतियों के नतीजे भुगत रहे नौजवानों को हर संभव राहत देने के लिए किये जा रहे यत्नों के मद्देनजऱ वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और उच्च शिक्षा और भाषा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज अलग-अलग सरकारी कॉलेजों में गेस्ट फेकल्टी के तौर पर काम कर रहे अध्यापकों के साथ मुलाकात की। यहां वित्त मंत्री दफ़्तर में हुई मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री ने उनकी समस्याओं के हल के लिए अपनी सरकार की पुरज़ोर इच्छा ज़ाहिर करते हुये कहा कि यह पहली बार होगा कि कोई भी सरकार बिना यह इन्तज़ार किये कि मुलाज़ीम जत्थेबंदियाँ हड़ताल या विरोध करें, उनके मसलों के हल के लिए न्योता दे रही हैं।
सेवाओं को रेगुलर करने और वेतन के मुद्दे पर चर्चा करते हुये दोनों मंत्रियों ने कॉलेज टीचर यूनियनों से पूर्ण सहयोग की माँग की जिससे ऐसा रास्ता अपनाया जा सके जिसको किसी कानूनी अड़चन का सामना न करना पड़े। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा इन अध्यापकों की तरफ से निभाई जा रही सेवाओं की प्रशंसा पर वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त विभाग राज्य के कठिन वित्तीय दौर का सामना करने के बावजूद हर संभव हल के लिए यत्नशील है।
स. चीमा ने यूनियन नेताओं से अपील की कि जहां सरकार की तरफ से उनकी समस्याओं के हल के लिए यत्न किये जा रहे हैं, वहीं यूनियन नेताओं को भी अपने साथी अध्यापकों के साथ आपसी सहमति बना कर समाधान सुझा कर सरकार को सहयोग देना चाहिए। मीटिंग में प्रमुख सचिव वित्त अजोए कुमार सिन्हा, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जसप्रीत तलवार, सचिव वित्त गुरप्रीत कौर सपरा, विशेष सचिव वित्त मोहित तिवारी, डीपीआई कॉलेज राजीव गुप्ता भी उपस्थित थे।