डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ को स्टैंडअलोन उद्योगों के बिल्डिंग प्लान मंज़ूर करने और मुकम्मलता सर्टिफिकेट जारी करने की शक्तियां सौंपी

चंडीगढ़,(द स्टैलर न्यूज़)। राज्य की आर्थिकता को बढ़ावा देने और नौजवानों के लिए रोज़गार के और मौके पैदा करने के लिए कारोबार को आसान बनाने की तरफ एक और कदम उठाते हुये मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने स्टैंडअलोन उद्योगों के लिए बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने और संपूर्णता सर्टिफिकेट जारी करने सम्बन्धी शक्तियां डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ को सौंप दीं हैं। यह जानकारी सांझा करते हुये पंजाब के आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पहले उद्योगपतियों को अपनी फ़ैक्टरियाँ के बिल्डिंग प्लान मंज़ूर करवाने के लिए दो अलग-अलग विभागों में आवेदन देने पड़ते थे परन्तु अब आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने स्टैंडअलोन उद्योगों के लिए बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने और संपूर्णता सर्टिफिकेट जारी करने सहित नगर निगम की सीमा से बाहर पड़ते उद्योगों की कम्पाऊंडिंग सम्बन्धी शक्तियां डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ को सौंप दीं हैं।

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कैबिनेट मंत्री ने बताया कि अब उद्योगपति बिल्डिंग प्लान की मंजूरी के लिए सीधे डायरैक्टर फैक्ट्रीज पंजाब के दफ़्तर में अप्लाई कर सकते हैं। उद्योगों के लिए ‘चेंज आफ लैड्ड यूज’ सम्बन्धी मंजूरी पहले ही माफ कर दी गई है। इसलिए आवेदन-पत्र प्राप्त होने पर डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ की तरफ से सम्बन्धित ज़िले के ज़िला टाऊन प्लानर ( डी. टी. पी.) से रिपोर्ट माँगी जायेगी कि इस उद्योग की मंजूरी मास्टर प्लानज़, रीजनल प्लान, लैड्ड यूज प्लान, स्थानीय योजना क्षेत्र और आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग के अन्य मौजूदा दिशा-निर्देशों के उपबंधों के मुताबिक है। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित डी. टी. पी. द्वारा सात कामकाज़ी दिनों के अंदर डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ को जानकारी मुहैया करवाई जायेगी।

श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि डायरैक्टर फैक्ट्रीज़ की तरफ से स्टैंडअलोन उद्योगों के लिए बिल्डिंग प्लान की मंजूरी पंजाब शहरी योजना और विकास बिल्डिंग रूल्ज, 2021 के मुताबिक जारी की जायेगी। इस तरह एक ही समर्थ अथॉरिटी बिल्डिंग प्लानज़ की मंजूरी जारी करेगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य के उद्योगपतियों की लम्बे समय से लटकती आ रही माँग थी क्योंकि जो उनको अपनी फ़ैक्टरियोँ के बिल्डिंग प्लान मंज़ूर करवाने के लिए दो अलग-अलग विभागों ( आवास निर्माण और शहरी विकास और फैक्ट्रीज़) में अप्लाई करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि इस कदम से स्टैंडअलोन उद्योगों के लिए बिल्डिंग प्लान जल्दी मंज़ूर होंगे और रेगुलेटरी मंजूरियां भी आसान ढंग से मिल सकेंगी।श्री अमन अरोड़ा ने दोहराया कि यह फ़ैसला राज्य की आर्थिकता और निवेश को और बढ़ावा देगा जिससे राज्य के नौजवानों के लिए रोज़गार के और मौके पैदा करने में मदद मिलेगी।

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