डॉ. अंबेडकर का जीवन और विचारधारा संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है: जीया लाल

कपूरथला(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। महामानव,महापुरुष,क्रान्तिकारी,तर्कवादी,प्रकृति से तर्क का ज्ञान देने मनुवादी व्यवस्था विरोधी एवं स्त्री अधिकारों के मसीहा डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के प्री निर्वाण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वाल्मीकि धर्मयुद्ध मोर्चा हल्का कपूरथला कि और से सीनियर कांग्रसी नेता एवं राष्ट्रीय वाल्मीकि धर्मयुद्ध मोर्चा के अध्यक्ष जीया लाल नाहर के नेतृत्व में कोटू चौक पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और बाबा साहेब की कल्याणकारी शिक्षाओं पर चलने का प्रण किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिया लाल नाहर ने कहा कि बाबा साहेब ने भारतीय संविधान की रचना करते समय महिलाओं को जो समान अधिकार दिए हैं,उन्हें दुनिया के अंत तक याद रखा जाएगा।

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उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपने जीवन काल के दौरान कड़ा संघर्ष करते हुए अंग्रेजों से समाज के अभागे लोगों को आरक्षण की सुविधा ली, जिससे सदियों से दबे-कुचले लोगों को आगे बढ़ने के अवसर मिले।उन्होंने कहा कि डॉ.अंबेडकर का जीवन और विचारधारा पूरी मानवता के लिए प्रेरणा स्त्रोत है और उनके द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा।उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का भारत में में ही सम्मानयोग नहीं बल्कि विदेशों में भी सम्मानयोग है।हम सभी को उनके पढ़ो एकता और संघर्ष करो के सिद्धांत को सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी देश में महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय है,उनका गांवों और शहरों में उनका शारीरिक और मानसिक शोषण हो रहा है।देश की सरकारें और राजनीतिक दल महिलाओं की भागीदारी को लेकर गंभीर नहीं हैं। बाबा साहब ने संविधान में बराबरी का अधिकार दिया है,उनके इस उपकार के लिए देश की महिलाओं को उनकी कृतज्ञ होना चाहिए। जिया लाल नाहर ने कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर जी हमें समानता, एकता, अखंडता, हमारे अधिकारों और कर्तव्यों, कार्यपालिका,न्यायपालिका आदि को एक सूत्र में पिरोया है और उनकी देन के कारण ही हर नागरिक अपने अधिकारों को मान रहा है।उन्होंने कहा कि जब संविधान बनाया गया था तो इस बात का विशेष ध्यान रखा गया था कि संविधान बहुत कठोर न हो और न ही अधिक लचीला हो ताकि संविधान में दिए गए अधिकारों को आसानी से लागू किया जा सके।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वाल्मीकि धर्मयुद्ध मोर्चा का मुख्य उद्देश्य पिछड़े समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों और बाबासाहेब की विचारधारा से अवगत कराना है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने हमें पढने,जुडऩे और संघर्ष करने का जो उपदेश दिया है वह अभी भी बहुत अधूरा है। बाबा साहब कहा था बेटे से ज्यादा बेटी को पढ़ाया जाए को पूरा करने की जरुरत है।मिशन के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।इस अवसर पर राष्ट्रीय वाल्मीकि धर्मयुद्ध मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सोढ़ी, जिला महासचिव हरि चंद,रोंकी राम,राजकुमार,प्रेम भट्टी, मलकीत सिंह,संजीव थापर,मंगा, बलबीर सिंह बीरा,वरिंदर राय,बलविंदर साबा,अमनदीप सिंह,साबी,मेर चंद,शहंशा,अजू,गोपी आदि उपस्थित थे।

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