होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में चाइना डोर के घातक परिणामों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया | जिसमें अध्यापकों तथा बच्चों ने चाइना डोर के दुष्प्रभावों के बारे में अपने विचार रखे | गोष्ठी के दौरान लेक्चरर रजनीश, अमनदीप कौर, किशोर कुमार, कुलविंदर कौर,अर्चना व संदीप कुमार सूद तथा विद्यार्थियों जैसमीन दीक्षा अंशिव तथा दीपक ने कहां कि अपने शौक के लिए चाइना डोर का प्रयोग करना किसी भी तरह से उचित नहीं है | उन्होंने कहा कि अगर हम अपने शौक के लिए किसी के प्राण ले लेते हैं तो फिर हम भावी पीढ़ी को क्या संदेश दे सकते हैं |
उन्होंने कहा कि पतंगबाजी पुराने समय से होती रही है | लेकिन पहले लोग धागे की डोर का प्रयोग करते थे लेकिन बाद में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बाद लोगों ने ऐसी डोर का निर्माण करना शुरू कर दिया जिसने ना जाने अब तक कितने जानवरों पक्षियों ब इंसानों की जान ले ली है | उन्होंने कहा कि बेजुबान पक्षी जब एक बार इस डोर की चपेट में आ जाते हैं तो फिर उनके प्राण पखेरू शायद ही कभी बच पाते हैं | इसी तरह अगर यह डोर किसी व्यक्ति के गले में अथवा किसी और अंग पर तेजी से आन पड़ती है तो उसके प्राण भी संकट में पड़ जाते हैं | उन्होंने कहा कि व्यक्ति आराम से अपने वाहन पर अथवा पैदल किसी काम के लिए जा रहा होता है तो अचानक चाइना डोर उसके गले में फंस जाती है अथवा नाक मुंह को अपना निशाना बना लेती है | अगर समय रहते उसे मेडिकल सहायता ना मिले तो उसके प्राण संकट में आ जाते हैं |
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इस बार चाइना डोर बेचने तथा प्रयोग करने पर पाबंदी लगा दी है जो कि एक सराहनीय काम है | जो लोग चोरी-छिपे चाइना डोर का व्यापार करते हैं अथवा इसका प्रयोग करते हैं उनकी जानकारी पुलिस प्रशासन को देकर हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना चाहिए | उन्होंने कहा कि विद्यार्थी वर्ग का फर्ज बनता है कि वह अपने साथियों को चाइना डोर का प्रयोग करने से रोके और इस संदेश को घर-घर तक पहुंचाए ताकि कीमती जिंदगियों को बचाया जा सके | फोटो कैप्शन : विचार गोष्ठी में अपने विचार प्रकट करते अध्यापक ब बच्चे |