चार दिवसीय प्रभु रामलाल जन्मोत्सव महोत्सव श्रद्धा पूर्वक संपन्न हुआ

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम डगाना रोड पर मनाया जा रहा चार दिवसीय प्रभु रामलाल जन्मोत्सव महोत्सव आज श्रद्धा पूर्वक संपन्न हो गया | इस मौके पर हवन यज्ञ के उपरांत भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए योगाचार्य चंद्र मोहन जी महाराज ने कहा कि आज यह विचित्र संजोग है कि हमारे परम गुरु सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज का जन्मोत्सव और रामनवमी महोत्सव एक ही दिन में आ गए हैं | उन्होंने कहा कि सदगुरुदेव चमन लाल जी महाराज कहा करते थे कि भाग्यशाली व्यक्तियों को ही सत्संग में आने का मौका मिलता है |

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उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मोती होते हैं जिनको हम चुग सकते हैं | लेकिन कुछ मोती ऐसे होते हैं जिनको पाने के लिए गहराई तक जाना पड़ता है | उन्होंने कहा कि योग भी एक ऐसा मोती है जिसको पाने के लिए इसकी गहराई तक उतरना पड़ता है | उन्होंने कहा कि सत्संग को केवल सुनने के लिए ना आए इसको जानने के लिए गहराई में जाना पड़ता है | इस पर अमल करें | योग से हमने मोक्ष प्राप्त करना है | प्रभु रामलाल जी संपूर्ण योग लाए | इसमें सब कुछ है | योग द्वारा भगवान के दर्शन किए जा सकते हैं | इसके लिए अंदर के चित को रोकना पड़ता है | फिर आत्मा के दर्शन होते हैं | परंतु केवल सुनने मात्र से ही काम नहीं चलेगा | योग करना मुश्किल है | हमारे से मन ही नहीं ठहरता तो हम चित को कैसे ठहरा पाएंगे | जब भगवान के दर्शन करने हो तो कुंडली को जागृत करना पड़ता है | इसके लिए हम   हठयोग कर सकते हैं | लेकिन अक्सर हम कह देते हैं कि हमारे पास समय की कमी है | लेकिन हठयोग तो कर कर ही होगा |

उन्होंने कहा कि हमें ध्यान में बैठना होगा, इच्छाओं का त्याग करके भी हम ईश्वर को पा सकते हैं | क्योंकि इच्छाओं से बंधन होता है | हम कर्म योग करें | इसमें कर्म करें लेकिन फल की इच्छा मत करें | लेकिन कुछ लोग इसे भी मुश्किल समझते हैं | उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी नहीं कर सकते तो तीन चीजें जरूर करें | इससे भी मुक्ति मिल सकती है | तप, स्वाध्याय तथा ईश्वर प्राणीधान को प्रभू प्राप्ति का मार्ग बना सकते हैं | हमें अपने माता पिता और गुरु की सेवा करनी चाहिए | लेकिन प्रभु प्राप्ति के लिए शरीर भी साफ होना चाहिए | इसके अलावा हमारी वाणी भी ऐसी होनी चाहिए जिससे किसी को कोई नुकसान ना पहुंचे |वाणी को कंट्रोल किए बिना प्रभु प्राप्ति मुश्किल है | उन्होंने कहा कि मन की दौड़ रोकनी चाहिए अगर मन मैला हो जाएगा तो हम कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकेंगे | हम दूर दूर की योजनाएं बनाते रहते हैं परंतु अध्यात्मिक योजनाओं से दूर रहते हैं | उन्होंने कहा कि प्रभु रामलाल जी ने हमें जो योग दिया है तथा सदगुरुदेव चमन लाल जी ने हमें जो मार्ग दिखाया है उसी पर चलकर हम अपना जीवन सफल कर सकते हैं |

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