अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व वशिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री यह सुनिश्चित करें कि हमारे अस्पताल केवल 323 से 326 बनाने वाली मशीनें न बन जाएं और उन अधिकारियों, कर्मचारियों को शीघ्र मुख्य अस्पतालों से दूर कर दें जहां पर मेडिको लीगल रिपोर्ट बनाई जाती है। सरकार याद रखे कि जिस व्यक्ति पर आईपीसी 326 या 325 का झूठा परचा दर्ज हो जाता है वह वर्षों तक कानून की चक्की में पिसता है। अदालतों और पुलिस थानों के चक्कर लगाता है। आर्थिक दिवालिया भी ये पर्चे उसे बना देते हैं। अगर आम जनता जानती है कि खुद चोट लगवाकर अपने अपराध को छिपाने और निर्दोष को फंसाने का काम पंजाब में कहां कहां हो रहा है।
बहुत अच्छा हो कि सिविल अस्पतालों में और अन्य सभी अस्पतालों में जहां एमएलआर बनाई जाती है वहां सरकार की गुप्त एजेंसी काम करे और उन सभी को अस्पतालों से निकाला जाए जो केवल झूठे पर्चे बनाकर कमाई करते हैं और लोगों को कठिनाई में डालते हैं। कोई यह विश्वास नहीं कर सकता कि सरकार नहीं जानती कि किन अस्पतालों ने और कौन कौन ऐसा घिनौना अपराध कर रहा है। वैसे तो अस्पताल रोगी का इलाज करने के लिए होते हैं, लेकिन कुछ अस्पतालों के कर्मचारी अच्छे भले इंसान को अपराधी बनाने का काम करते हैं। याद रखना होगा कि अगर अस्पतालों में ऐसा अपराध पाप होता रहा तो इसका सारा दोष स्वास्थ्य मंत्री और पंजाब सरकार पर ही जाएगा।