होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। लवारिस पशुओं के साथ हादसों के कारण मरने वाले व्यक्ति के परिवार को 5 लाख का मुआवजा देने का फैसला लेने के स्थान पर लवारिस पशुधन की सांभ-संभाल का फैसला लेना चाहिए था पंजाब कैविनेट में। उक्त विचार नई सोच वैलफेयर सोसाईटी के संस्थापक अध्यक्ष अशवनी गैंद ने एक प्रैस नोट जारी करते हुए प्रगट किए। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले से पंजाब वासियों को मायूसी का सामना करना पड़ा है और ऐसा लगने लगा है कि आवारा पशुओं का हल करने के मामले में सरकार फेल नजऱ आ रही है। अगर सरकार इस समस्या को हल करना चाहे तो कोई मुश्किल बात नहीं है।
सरकार ब्लाक, पंचायत स्तर पर गऊशालाऐं खोल सकती है और सरकारी तौर पर चल रही गऊशालाओं में भी इन्हे पहुंचाने का काम कर सकती है, सरकार के पास करोड़ो रुपये गऊ सैस के रुप में हर महीने इक्ठे हो रहे हैं, सरकार बताये की गऊ सैस का पैसा कहां खर्च हो रहा है। उन्होने पंजाब सरकार से मांग करते हुए कहा कि सिर्फ 5 लाख रुपये मरने के बाद मुआवजा देने के स्थान पर जान बचाये जाने का इन्तजाम करे सरकार ना कि लवारिस पशुओं के साथ होने वाले एक्सिडेंटों से होने वाली मौतों का। श्री गैंद ने कहा कि अगर जल्द ही लवारिस गऊधन की सांभ-संभाल का इंतजाम न किया गया तो धार्मिक, समाजिक एवं राजनीतिक संगठनों की मदद लेकर संघर्ष का बिगुल पंजाब स्तर पर बजाया जाएगा। इस मौके पर अमन, शशी, मधुसूदन तिवारी, हरीश गुप्ता, रकेश कुमार, नीरज गैंद, पंकज बग्गा, रजीव कुमार, संजीव शर्मा, मनदीप खुल्लर, विक्की वालिया, पंकज, राज कुमार आदि उपस्थित थे।