अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं समाज चिंतक लक्ष्मी कांता चावला ने कहा है कि मुसलमान समाज में जो बुद्धिजीवी, संत और जागरूक धार्मिक नेता हैं उन सबसे यह प्रार्थना है कि वे त्यौहार मनाने के नाम पर जीवों की हत्या न करें। किसी भी रूप में किसी भी संप्रदाय द्वारा जीव हत्या करना, जीवों की बलि देना एकदम अमानवीय काम है।
अगर कुछ हिंदू पशु बलि के नाम पर जीवों की हत्या करते हैं, मुसलमान बकरीद के नाम पर बकरे काटते हैं या अन्य कोई भी संप्रदाय केवल अपना पेट भरने और स्वाद पूरा करने के लिए पशु काटते हैं तो यह पूरी तरह गलत कृत्य है। मुझे आश्चर्य है कि जो पशु प्रेमी केवल एक दो पशुओं की रक्षा के लिए झंडा उठाए चलते हैं वे भी खामोश हैं और कल ईद मनाने वाले लाखों नहीं, करोड़ों बेचारे बकरों को तथा अन्य पशुओं को काट काट कर त्यौहार या धर्म के नाम पर अपने पेट में डालेंगे। अपनी जीभ का स्वाद पूरा करेंगे। यह कैसे विश्वास करें कि मुसलमान समुदाय में ऐसे लोग नहीं हैं जिन्हें जीव हत्या देखकर दुख होता हो, पर न जाने वे क्यों खामोश बने हैं या तथाकथित धार्मिक डंडे के डर से खामोश रहते हैं।
ऐसे लोग कम से कम स्वयं अपने घरों, मुहल्लों में जीव हत्या न होने दें। त्यौहार मनाकर बीमारों, दुखियों की सेवा करें, बीमार, बेजुबान पशुओं की सेवा सहायता करें, पर केवल अपना शौक या तथाकथित धर्म का नाम लेकर बेजुबानों की हत्या बंद करें। याद रखना होगा कि कैसे इस दिन कुछ देशों में और हमारे देश के कुछ प्रांतों में सड़कों तक खून बहता है। यह इंसान का काम नहीं है। जब जागो तभी सवेरा। अब यह जीव हत्या बंद करो और त्यौहार खुशी से मनाओ, मिठाइयां, सेवियां बांटकर खाओ।