होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। संघर्ष कमेटी की ओर से कर्मवीर बाली के नेतृत्व में इसरों के विज्ञानियों को बधाई दी गई जिन्होंने देश का गौरवमय इतिहास रचकर दुनियां में भारत का स्थान बनाया। पहले चन्द्रयान असफल होने पर इसरों के वैज्ञानियों की आंखों में आंसू निकल पड़े थे जिसे देश के प्रधानमन्त्री नरिन्दर मोदी ने ढांड़स देते हुये पीठ थपथपाई थी।
इसी का नतीजा है कि भारत का दुनियां में शुमार हो गया है। इससे चन्द्रमा पर पानी की खोज होगी और इन्सान के रहने लायक बनाया जायेगा। दक्षिणी ध्रुव पर भारत पहला देश हेागा जो चन्द्रयान को लैडिंग करवायेगा जहां माईनिस से 235 डिग्री कम तापमान रहता है और सूर्य की किरणें नही पहुँच पाती। ऐसा होने पर अमरीका, चीन, सोवियत संघ की उपलब्धियों में शामिल हो जायेगा। यह क्षण गौरवमय है जिससे दुनियां भारत का लोहा मानेगी। इसरो के वैज्ञानिकों ने यह करिश्मा कर दिखाया है जो बधाई के पात्र है। इस अवसर पर नवल किशोर कालिया, निर्मल सिंह, बलविंदर कुमार, गुड्डु सिंह, उत्तम सिंह, हरिमित्र, सोम प्रकाश आदि शामिल थे।