मुकेरियां (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: शर्मा। हिमाचल प्रदेश में हुई भारी वर्षा से तलवाड़ा का पौंग डैम लबालब हो गया। डैम से पानी छोडऩा ही एकमात्र विकल्प था। इसके कारण मुकेरियां इलाके के दर्जन भर गांवों में बाढ़ आ गई है। कई गांव में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। गांव मोतला, हलेड जनार्दन, कोलियां कुलियां, महिताबपुर के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां पर लोगों के खाने के लाले पड़ गए हैं, पशुओं के लिए चारा भी नहीं है। गांव हलेड जनार्दन के 100 परिवार, मोतला के 25 और गांव कुलियां के करीब 50 परिवार मियाणी के 90 प्रतिशत लोग अलग-अलग गांवों में और अपने रिश्तेदारों के घरों पर रह रहे हैं । प्रशासन से पहले आसपास के लोगों व समाजसेवी संस्थाएं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लेकर गए।
प्रशासन ने कैंप बनाकर सरकारी स्कूल मानसर और सरकारी स्कूल भंगाला में लोगों के रहने और खानपान की व्यवस्था की है मगर, सरकारी कैंपों में लोग कम जा रहे हैं। लोग आसपास के गांवों के सगे संबंधियों के घरों में रुकना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। गांव सालरियां कलां, कलोते, नौशहरा पत्तन, तलूवाल, तूरां, जाहिदपुर, तगडकलां, मौली, मेहंदीपुर, बगडोई, बाबूपुर, मीरपुर, चक्कवाल, धनोआ में बाढ़ से हालात बहुत खराब हो गए हैं।समाज सेवी संस्थाएं के अतिरिक्त अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के लोग राशन का समान लोगों को वितरित कर रहे थे। गांव मोतला, हलेड जनार्धन, कोलियां कुलियां,मियामी, महिताबपुर सालरियां कलां, कलोते से दर्जनों में पानी के कारण आने जाने का रास्ता बंद पड़ा है।
अपरोक्त सभी गांव के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल पानी के वहाव से तहस नहस हो गई है। उधर होशियारपुर गुरदासपुर को जोडऩे बाले ब्यास दरिया के नौशहरा पतन के पुल पर प्रशासन ने जवान को बिल्कुल रोक दिया है। जिसका कारण व्यास के साथ लगती धुस्सी बांध के टूटने के कारण पानी सडक़ को फ़ाड़ गुजरने लगा है। दरिया की चपेट में आए गांव हलेड जनार्धन कई परिवार अभी भी पानी के बीच अपने घरों में फंसे हुए हैं और गांव के एक व्यक्ति दलजीत सिंह ने कहा कि उन्हें प्रशासन से किसी प्रकार की सहायता नहीं पहुंच रही।