विशेष ठेकेदारों पर एक्साइज़ विभाग की विशेष कृपा, अधिकारियों को नहीं दिखते हाईवे पर खुले शराब के ठेके

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), समीर सैनी। माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेना देखनी हो तो आप होशियारपुर के भरवाई रोड पर देख सकते हैं, जहां पर संबंधित विभाग की अनदेखी व कथित मिलीभगत के चलते शराब कारोबारियों द्वारा हाईवे पर ही शराब के ठेके खोल रखे हैं और विभाग के अधिकारियों के बार-बार ध्यान में लाए जाने के बावजूद किसी तरह की कार्यवाही का न होना क्या संदेश दे रहा है, हम समझते हैं कि इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि पंजाब में हाईवे पर शराब के ठेके सड़क से करीब 220 मीटर की दूरी पर होने चाहिए, इसमें मैदानी व पहाड़ी इलाका एक नियम के तहत की कवर किया गया है। इसके अलावा अगर बात हिमाचल प्रदेश की, की जाए तो वहां पर मैदानी इलाके कम होने के कारण वहां पर इस नियम से छूट दी गई है।

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लेकिन हिमाचल प्रदेश में दी गई छूट की आड़ में होशियारपुर के पहाड़ी क्षेत्र में भी अदालत के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए शराब कारोबारियों ने मुख्य सड़क पर ही ठेके खोल रखे हैं और उनका विज्ञापन भी जोरशोर से किया गया है कि यहां पर हिमाचल से सस्ती शराब मिलती है। हालांकि सीमाओं पर स्थित हिमाचल के ठेकों पर पंजाब से सस्ती शराब के बोर्ड देखे जा सकते हैं। खैर ये तो बात रही शराब का कारोबार बढ़ाने की, लेकिन हम बात कर रहे हैं माननीय अदालत के आदेशों की, जिन्हें लागू करवाना संबंधित विभाग जरुरी नहीं समझा रहा। होशियारपुर के भरवाई रोड़ एवं ऊना रोड पर हिमाचल सीमा के समीप जहां सड़क किनारे ठेके खोल दिए गए हैं वहीं चौहाल में रिलायंस इंडस्ट्री के समीप जो ठेका पहले सड़क से हटकर हुआ करता था, उसे भी सड़क के साथ ही खोल दिया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सारा खेल कथित मिलीभगत से ही खेला जा रहा है और एक खास ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। इतना ही नहीं मंगूवाल में भी सड़क किनारे खोला गया ठेका नियमों को धत्ता बताने के लिए काफी है।

अब विभाग के अधिकारियों का खेल तो देखिए, बड़े अधिकारी से बात करो तो वह अपने से निम्म अधिकारी की ड्यूटी लगाने की बात करता है तो उनसे निम्न अधिकारी से बात करने पर वे अपने से निम्न अधिकारी की ड्यूटी लगाने की बात कहकर अपने फर्ज की इतीश्री कर लेते हैं। हमारे संवाददाता ने माननीय अदालत के आदेशों की हो रही अवहेलना संबंधी एडीशनल कमीशनर एक्साइज़ नरेश दूबे से बात की तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर एक्साइज़ जालंधऱ रेंज से बात करें। उनसे बात करने का प्रयास किया गया तो पहले तो जनाब ने काफी देर तो बात ही नहीं की और वाट्सएप पर मैसेज भेजे गए तो काफी समय बाद डिप्टी कमिशनर एक्साइज परमजीत से बात हुई और उन्होंने कहा कि 220 मीटर नियम लागू होना चाहिए तथा वह इस संबंधी बनती कार्यवाही के लिए अधिकारियों को निर्देश देंगे।

होशियारपुर में सहायक एक्साइज़ कमिशनर हरप्रीत सिंह से बात की गई तो उऩ्होंने इस संबंधी अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि आप ईटीओ परमजीत सिंह से बात करें। जब परमजीत सिंह से संपर्क करना चाहा तो उऩ्होंने फोन उठाना जरुरी नहीं समझा न ही मिस काल का कोई जवाब दिया। इसके बाद हमारे संवाददाता द्वारा वाटसएप पर लगातार कई बार मैसेज भेजे, लेकिन उनका फिर भी कोई जवाब नहीं आया।

एक-दूसरे पर किस प्रकार जिम्मेदारी डाली जा रही है वह आप समझ ही रहे होंगे कि जब सामर्थ अधिकारी ही पल्ला झाड़ रहे हैं तो फिर शराब ठेकेदार के हौंसले बुलंद होने स्वभाविक हैं। एक तरफ सरकार ईमानदारी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे करते नहीं थक रही तो दूसरी तरफ सरकारी विभाग में बैठी का… भे… सरकार के आदेश तो दूर माननीय अदालत के आदेशों को लागू करवाना भी जरुरी नहीं समझ रहे। जिससे दाल में कुछ काला नहीं बल्कि दाल ही काली दिखाई दे, इसमें कोई शंका नहीं है। अब देखना यह है कि विभाग के सीनियर अधिकारी इस मामले का क्या संज्ञान लेते हैं, क्या शराब ठेकेदारों की मनमानी बंद होगी या फिर एक विशेष ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए यह कथित मिलीभगत का खेल इसी प्रकार जारी रहेगा।

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