अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व केंद्रीय मंत्री पंजाब सरकार ने पिछले 18 महीनों से कुछ अधिक समय में अपने मंत्रियों के विभाग तो कई बार बदले। वह तो सरकार की अपनी इच्छा और अपनी सुविधा है, पर जिस तरह पंजाब के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले बार बार किए जा रहे हैं उससे जनता भी परेशान है और अधिकारी भी। यह ठीक है कि अधिकारी अपना दुख, क्रोध या असुविधा प्रकट नहीं कर पाते पर सरकारों में ऐसा कोई नहीं जो उनकी पीड़ा या असुविधा को समझ सके।
अमृतसर शहर में ही यह सरकार आने के बाद डीसी और निगम कमिश्नर बार—बार बदले गए, पर पुलिस कमिश्नर तो अमृतसर को अब पांचवां मिला है। सही बात तो यह है कि नए जिले को समझने में समस्याओं का समाधान ढूंढने में तीन महीने से भी अधिक समय किसी भी अधिकारी को लगता है। पर उसकी बदली हो जाए तो नया अधिकारी आकर उसी जिले में नई समस्याएं जानने की कोशिश करता है। अमृतसर की जनता चाहती है कि सरकार जिस अधिकारी को भेजना है सोच समझ कर भेजे। यद्यपि अब सरकार की छवि यह बन गई है कि जहां सरकार और सरकारी पार्टी के नेताओं को कुछ भी असुविधा होती है या उनके गलत काम करने में बाधा पड़ती है वहीं से पुलिस अधिकारी बदले जाते हैं। जिस तरह पहले तरनतारन और अब अमृतसर में हुआ। पंजाब के दूसरे जिलों की भी लगभग यही हालत ह