प्रधानमंत्री, गृह मंत्री के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे भाजपा सांसद और नेता: सुक्खू

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर के गांधी चौक से भाजपा को सीधे निशाने पर लिया। वह यहां आपदा प्रभावितों को राहत राशि और सुख आश्रय योजना के लाभार्थियों को प्रणाम पत्र, आर्थिक सहायता वितरित करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हिमाचल को विशेष आपदा पैकेज दिलाने के लिए भाजपा सांसद और नेता प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। प्रदेश के हिस्से का 4950 करोड़ रुपये का आपदा का क्लेम भी भाजपा नेताओं के कारण ही नहीं मिल पा रहा। सरकार ने आपदा के बाद 9900 करोड़ रुपये का संशोधित क्लेम नोट केंद्र सरकार को भेजा हुआ है। तीन बार केंद्रीय टीमें आ चुकीं, लेकिन आर्थिक सहायता एक रुपये की नहीं आई। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने भाजपा के तीन सांसद चुनकर दिल्ली भेजे हुए हैं। उन्होंने विशेष आपदा पैकेज के लिए कोई पत्र लिखकर प्रधानमंत्री व गृह मंत्री को नहीं दिया, न ही संसद में एक शब्द बोले। भाजपा की यह किस तरह की राजनीति है। भाजपा नेता एनडीआरएफ के तहत सालाना मिलने वाली राशि को ही आपदा राहत के लिए मिला पैसा बता रहे हैं। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है। उनका मकसद जनसेवा नहीं, मात्र राजनीति है। पिछले 5 साल भाजपा ने कोई काम न कर जनता को ठगा और अब विपक्ष में भी ठगने का काम कर रहे हैं। 

कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों को ओपीएस दी तो केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की कर्ज लिमिट घटाकर 6600 करोड़ कर दी, इस साल हमने अभी तक 4100 करोड़ का कर्ज लिया है। भाजपा नेता चिल्ला रहे हैं कि 10000 करोड़ का कर्ज ले लिया। उनके पास कोई दस्तावेज हैं तो दें, लिमिट 6600 करोड़ है तो 10000 करोड़ रुपये कर्ज कैसे ले सकते हैं। भाजपा हमेशा बरगलाने की बात करती है, चुनावों का समय है इसलिए इनके नेता आकर तरह-तरह की बातें करेंगे। हम वह लोग हैं जो सीधा आपसे जुड़कर जनसेवा करना चाहते हैं। भाजपा नेताओं और सांसदों को इतनी भी शर्म नहीं है कि केंद्र सरकार से हिमाचल के हिस्से के 4950 करोड़ रुपये का क्लेम देने का ही आग्रह कर आएं। सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि भाजपा सरकार में जनमंच अधिकारियों-कर्मचारियों को डांटने और बेइज्जत करने के लिए किए जाते थे। उनमें कोई काम नहीं हुआ, इंतकाल और पार्टीशन के 40 हजार से अधिक केस लंबित छोड़ गए। कांग्रेस सरकार विशेष इंतकाल अदालत लगाकर उनका निपटारा करने में लगी हुई है। जनवरी तक सभी लंबित मामलों को निपटाने का लक्ष्य अधिकारियों को दिया हुआ है।

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