एजीटीएफ ने गैंगस्टर द्वारा भागने की कोशिश को किया नाकाम, जस्सा हैपोवाल का नाम 6 कत्ल मामलों में शामिल  

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़): मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर संगठित अपराध के विरुद्ध जारी लड़ाई के दौरान पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.) ने बड़ी कार्यवाही करते हुए माँ-बेटी के दोहरे कत्ल समेत कम से कम छह कत्ल मामलों में शामिल ख़तरनाक गैंगस्टर करनजीत सिंह उर्फ जस्सा हैपोवाल द्वारा ज़ीरकपुर के पीरमुछल्ला इलाके में पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश को नाकाम कर दिया, जिस दौरान उसकी दोनों टांगों पर गोली लगी।  
डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज यहाँ यह जानकारी देते हुए बताया कि 30 नवंबर को काउन्टर इंटेलिजेंस जालंधर की टीम द्वारा विदेश में रहने वाले फऱार गैंगस्टर राजेश कुमार उर्फ सोनू खत्री और आतंकवादी हरविन्दर रिन्दा के मुख्य शूटर गैंगस्टर जस्सा हैपोवाल को जालंधर के बाहरी इलाके से गिरफ़्तार किया था। इसके बाद जस्से को मेट्रो प्लाज़ा गोलीबारी मामले, जिसमें उसने अपने दो साथियों के साथ 21 जुलाई को एक व्यक्ति को मारने की कोशिश की थी, में प्रोडक्शन वॉरंट पर लाया गया था।  
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि उनके खुलासों के बाद एडीजीपी प्रमोद बान की समूची निगरानी अधीन एजीटीएफ की पुलिस टीम जस्सा हैपोवाल को पीरमुछल्ला स्थित बने होटल मिडटाऊन के नज़दीक सुनसान जगह पर लेकर जा रही थी, जहाँ उक्त गैंगस्टर ने कथित तौर पर मेट्रो गोलीबारी घटना में इस्तेमाल किए गए चीनी पिस्तौल को छिपाने का दावा किया था।  
उन्होंने बताया कि निर्धारित स्थान पर पहुँचने के बाद गैंगस्टर ने पुलिस कर्मचारी को धक्का देकर पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की, जिस कारण ए.जी.टी.एफ. की टीम को उसको भागने से रोकने के लिए गोलियाँ चलानी पड़ीं, जिसके नतीजे के तौर पर वह ज़ख्मी हो गया। उन्होंने साथ ही बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान ए.जी.टी.एफ. का कर्मचारी एएसआई दर्शन सिंह भी जख़़्मी हो गया, जो उसे भागने से रोक रहा था। उन्होंने बताया कि दोनों को इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया है।  
डीजीपी ने बताया कि पुलिस टीमों ने उसके बताए हुए पते से उक्त चीनी पिस्तौल और पाँच जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि घटना की फोरेंसिक और वैज्ञानिक तरीके से जांच की जा रही है, जबकि फोरेंसिक टीमें पहले ही मौके पर पहुँच चुकी हैं।  
अधिक विवरण साझा करते हुए एआईजी एजीटीएफ सन्दीप गोयल और डीएसपी एजीटीएफ बिक्रम सिंह बराड़ ने बताया कि इस सम्बन्धी भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) की धारा 186, 353, 224 और 332 एवं शस्त्र अधिनियम 25 के अंतर्गत थाना ढकोली में एफआईआर नं. 94 तारीख़ 13.12.2023 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है, और मामले की आगे की जांच जारी है।

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